समोसे का हजारों साल पुराना है इतिहास, पहली बार किसने बनाई यह डिश
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समोसे का हजारों साल पुराना है इतिहास, पहली बार किसने बनाई यह डिश

History of Samosa in India :  देश में रोजाना लगभग 7 से 8 करोड़ समोसे लोग खा लेते हैं. आमतौर पर एक समोसा 10 रुपये का बिकता है. अगर इस हिसाब से भी देखें तो देश में समोसे का कारोबार काफी बड़ा है. यही वजह है कि आज समोसा विदेश में भी निर्यात हो रहा है. 

फाइल फोटो

History of Samosa in India : चाय और नाश्‍ते की बात आती है तो सबसे पहले समोसा का ख्‍याल आता है. भारत में समोसा हर गली-मोहल्‍ले में बिकते मिल जाएगा. हम भारतीय इसे बड़े चाव से खाते भी हैं, लेकिन अगर किसी से पूछ लिया जाए कि आखिर समोसा कहां से आया या समोसा किस देश की डिश है, तो अधिकांश लोग इसका सही जवाब नहीं दे पाएंगे. ज्‍यादातर लोगों को लगता है समोसा यहीं की डिश है, हालांकि ऐसा बिल्‍कुल भी नहीं है. 

समोसा का कारोबार बड़ा 
एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में रोजाना लगभग 7 से 8 करोड़ समोसे लोग खा लेते हैं. आमतौर पर एक समोसा 10 रुपये का बिकता है. अगर इस हिसाब से भी देखें तो देश में समोसे का कारोबार काफी बड़ा है. यही वजह है कि आज समोसा विदेश में भी निर्यात हो रहा है. भारत में इसका कारोबार बढ़ रहा है. 

भारत में कहां से आया समोसा?
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, समोसा आज से कई साल पहले भी बिक रहा था. समोसा ईरान से भारत आया. फारसी में इसका नाम 'संबुश्क' था, जो भारत समोसा बनकर पहुंचा. अब यह भारत के अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग नामों से जाना जाता है. पश्चिम में इसे सिंघाड़ा भी कहा जाता है. 

पहली बार कब जिक्र 
इतिहास में सबसे पहले समोसे का जिक्र 11वीं सदी में मिलता है. इतिहासकार अबुल-फल बेहाकी के लेख में इसका जिक्र है. उन्होंने गजनवी के दरबार में एक ऐसी नमकीन चीज का जिक्र किया था, जिसमें कीमा और मावे भरे होते थे. हालांकि, समोसे को तिकोना बनाना कब शुरू किया गया, इसके बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. 

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