Hal Chhath Puja Time and Vidhi: आज भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम दाउ का जन्मोत्सव है. जिसे हल षष्टी व्रत के रूप में मनायाा जाता है. मातायें ये व्रत संतान की दीर्घायु, सफलता और संपन्नता के लिए रखती है. इस दिन माताओं को भूलकर भी ये गलतियां नहीं करनी चाहिए नहीं तो संतान के साथ अहित हो सकता है.
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Hal Chhath Puja Time and Vidhi: संतान की लंबी आयु और उनके स्वास्थ्य, संपन्नता और सफलता के लिए रखा जाने वाला हलषष्ठी व्रत इस साल 25 अगस्त 2024 रविवार के दिन है. हल षष्ठी के अलावा इस व्रत को हलछठ और हरछठ के नाम से भी जाना जाता है. यह व्रत भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम को समर्पित होता है. हिंदू शास्त्रों में मान्यता है कि इस दिन श्री कृष्ण के दाऊ बलराम का जन्म हुआ था.
हल षष्टी व्रत की पूजा का मुहूर्त
मान्यता के अनुसार इस व्रत की पूजा के लिए दोपहर का समय शुभ माना गया है. माताए इस व्रत में सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे के बीच पूजा कर सकती हैं.
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हल षष्टी व्रत की पूजा और नियम
हल षष्टी व्रत के दिन गाय के दूध से निर्मित खाद्य पदार्थों और जमीन से उगाई गई चीजों का इस्तेमान करना अशुभ माना जाता है. व्रत रखने वाली माताएं केवल तालाब में पैदा हुई चीजें ही खाती है. माताएं अपने आंगन में झरबेरी, पलाश और कांसी की टहनी लगाती हैं साथ ही छठ्ठी माता का चित्र बनाती है फिर सात अनाजों को मिलाकर बनाया हुआ सतनजा और दही-तिन्नी के चावल से भोग इनका भोग लगाती हैं. उसके बाद हल षष्ठी की कथा सुनती हैं.
व्रत के नियम
Disclaimer: दी गई जानकारी पंचांग और ज्योतिषीय मान्यताओं पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी प्रमाणिकता की पुष्टि नहीं करता.
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