Dev Diwali 2024: देव दिवाली कब?, दीपावली के 15 दिन बाद ही क्‍यों मनाया जाता है रोशनी का त्‍योहार
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Dev Diwali 2024: देव दिवाली कब?, दीपावली के 15 दिन बाद ही क्‍यों मनाया जाता है रोशनी का त्‍योहार

Dev Diwali 2024: दिपावली के 15 दिन बाद देव दिवाली मनाई जाती है. देव दिवाली के लिए भी घरों को दीयों से रोशन कर उत्‍सव मनाते हैं.

Dev Diwali 2024

Dev Diwali 2024: दीपों का त्‍योहार दिवाली इस बार 31 अक्‍टूबर को मनाया जाएगा. दिपावली के बाद एक और रोशनी का त्‍योहार मनाया जाता है. इसे देव दिवाली कहते हैं. देव दिवाली, दीपावली के 15 दिन बाद मनाया जाता है. इस दिन को रोशनी का त्‍योहार माना जाता है. तो आइये जानते हैं दीपावली और देव दिवाली में अंतर?. 

देव दिवाली कब?
इस साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि 15 नवंबर को सुबह 6 बजकर 19 मिनट से शुरू हो रही है, जो 16 नवंबर की रात 2 बजकर 58 मिनट तक रहेगी. ऐसे में 15 नवंबर को ही देवी दिवाली मनाई जाएगी. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही कई जगहों में तुलसी विवाह उत्सव भी मनाया जाता है. इसमें तुलसी जी का विवाह शालिग्राम से करते हैं. 

तुलसी विवाह कब?
दरअसल, शालिग्राम को विष्णु जी का अवतार माना जाता है. अगर आप शादी के शुभ मुहूर्त का इंतजार कर रहे हैं तो 15 नवंबर के साथ शादी के कोई भी शुभ काम शुरू कर सकते हैं. इसके अलावा अगर आप तुलसी पूजा करते हैं तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन तुलसी जी की पूजा जरूर करें, आपकी हर मनोकामना पूर्ण होगी. 

दिवाली और देव दिवाली
दीपावली का पर्व तो भगवान राम के चौदह वर्ष के वनवास से अयोध्या धाम लौटने की खुशी में मनाया गया था. लेकिन देव दीपावली मनाने के पीछे एक अलग ही कथा जुड़ी हुई है. रोशनी का त्योहार दिवाली, हिंदू चंद्र कैलेंडर के मुताबिक अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है. ये पर्व पांच दिनों तक चलता है, उत्सव का मुख्य दिन तीसरे दिन होता है. पहला दिन धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली, गोवर्धन और भाई दूज. भगवान राम के वनवास से लौटने के बाद अयोध्या के लोगों ने उनके आने की खुशी में पूरे नगर में घी के दीपक जलाए थे. 

देव दिवाली
देव दिवाली, जिसे कार्तिक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू महीने कार्तिक (नवंबर) की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. यह दिवाली के लगभग 15 दिन बाद आता है. इस साल  देव दीपावली (त्रिपुरोत्सव) 15 नवंबर को मनाई जाएगी. मान्यता के अनुसार देव दिवाली के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्यावतार लिया था.

 

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