मुरादाबाद जिला प्रशासन ने इमरान को प्रतिदिन 13 लाख 42 हजार रुपए के खर्चे के हिसाब से नोटिस भेजा है. इमरान प्रतापगढ़ी को कुल 1 करोड़, 4 लाख, 8 हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा गया है.
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मुरादाबाद: मशहूर युवा शायर और कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध के दौरान लोगों को भड़काने और धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में मुरादाबाद जिला प्रशासन ने 1.4 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है. इमरान प्रतापगढ़ी नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में मुरादाबाद में बेहद सक्रिय रहे थे. आपको बता दें कि इमरान प्रतापगढ़ी ने मुरादाबाद से कांग्रेस के टिकट पर 2019 में लोकसभा चुनाव लड़ा था.
मुरादाबाद जिला प्रशासन ने इमरान को प्रतिदिन 13 लाख 42 हजार रुपए के खर्चे के हिसाब से नोटिस भेजा है. इमरान प्रतापगढ़ी को कुल 1 करोड़, 4 लाख, 8 हजार रुपये के जुर्माने का नोटिस भेजा गया है. 'अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम' की ओर से यह नोटिस जारी किया गया है. नोटिस में कहा गया है कि अगर इमरान प्रतापगढ़ी नुकसान की भरपाई नहीं करते हैं तो, उनकी संपत्ति जब्त कर इसकी वसूली की जाएगी.
मुरादाबाद जिला प्रशासन ने नोटिस में कहा है कि पुलिस मुख्यालय द्वारा निर्धारित मानक के अनुरूप सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रतिदिन 13 लाख 42 हजार 500 रुपए का खर्चा आ रहा है. राजकीय कोष से अब तक 1 करोड़, 4 लाख, 8 हजार 693 रुपए का खर्च हो चुका है. आपको बता दें कि मुरादाबाद में 29 जनवरी से सीएए के विरोध में प्रदर्शन चल रहा है.
इमरान प्रतापगढ़ी ने मुरादाबाद के ईदगाह इलाके में सीएए विरोध में एक सभा को संबोधित किया था. जबकि प्रशासन ने उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी थी. इमरान ने अपने संबोधित कहा था, ''हमारी आंखों के सामने पिछले कुछ दिनों में ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जिनको देखकर मन में सवाल आता है. हमारा देश कहां जा रहा है. हमारी बेटियों और बहनों पर पुलिस लगातार अत्याचार कर रही है. आजमगढ़ में रात में मुस्लिम महिलाओं पर लाठीचार्ज हुआ. सीएए का विरोध करने वालों की लाशें बिछा दी गईं.''
मुरादाबाद में सीएए के विरोध में हो रहे धरना प्रदर्शन को सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बताया गया है. इसके साथ ही कहा गया है कि इसकी वजह से कानून व्यवस्था पर काफी पैसा खर्च हो रहा है. नोटिस मिलने पर एक टीवी चैनल से बातचीत में इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वह आगे भी सीएए विरोधी आंदोलनों में हिस्सा लेता रहेंगे. उन्होंने कहा, ''सरकार हमारी आवाज नहीं दबा सकती है. मैं नोटिस का जवाब दूंगा. मैं हाईकोर्ट जाऊंगा, जरूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट भी जाऊंगा.''
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