UP News: यूपी में मनमाने तरीके से सर्किल दरें तय करने की प्रथा अब नहीं चलेगी. आने वाले दिनों में यूपी में जमीनों की रजिस्ट्री कराने के सिस्टम में बदलाव होने वाला है. जानते हैं क्या हो सकते हैं बदलाव
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विशाल सिंह/लखनऊ: उत्तर प्रदेश में सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही जमीनों की रजिस्ट्री कराने का सिस्टम पूरी तरह बदल जाएगा. दरअसल योगी सरकार रजिस्ट्री की सर्किल दरें आम जनता की पहुंच के हिसाब से तय करने की तैयारी में है. कृषि, आवासीय और व्यावसायिक दरों में जो खामियां भी हैं, उनको दूर किया जाएगा. सीएम योगी ने साफ कहा है कि कृषि की जमीन पर अगर एक या दो मकान बन गए हैं तो उसे आवासीय नहीं किया जाएगा. इसी तरह अगर एक-दो दुकानों का निर्माण हो गया है तो उसे कमर्शियल नहीं किया जाएगा.
यूपी में मनमाने तरीके से सर्किल दरें तय करने की प्रथा अब नहीं चलेगी. सीएम योगी ने इस बारे में साफ निर्देश दिए हैं. सूत्रों के अनुसार आम जनता की पहुंच के हिसाब से सर्किल दरें तय होंगी. यूपी में पिछले कई सालों से संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें तय नहीं हुई है. पहले में जो दरें निर्धारित भी हुई हैं, उसमें कई खामियां हैं.स्टांप और रजिस्ट्रेशन विभाग ने सभी जिलों के डीएम से सर्किल रेट के बारे में जानकारी मांगी है. उसके बाद अंतिम रूप दिया जाएगा.
किन मुद्दों पर चर्चा
रजिस्ट्री के लिए सर्किल दरें ऐसी तय की जाएं जिससे आम आदमी को राहत मिल सके. कहीं ऐसा न हो कि कृषि की जमीनों के लिए आवासीय और आवासीय की जगह कमर्शियल सर्किल दरें तय कर दी जाएं. खेती की जमीन पर अगर एक-दो मकान बन हुए हैं तो उसे रेजिडेंसियल नहीं किया जाएगा. वैसे ही अगर कृषि जमीन पर एक-दो दुकानें बनी हैं तो उसे कमर्शियल नहीं किया जाएगा. सड़क के 50 मीटर के दायरे में एक ही जगह पर अगर कई दुकानों बनी हैं तो उसे कमर्शियल ही माना जाएगा.
जरुरत के हिसाब से हो सकता है बदलाव
सूत्रों के मुताबिक एक ही जगह पर कई मकान बने हैं उसे आवासीय और कई दुकानें बनी हैं तो व्यवसायिक के दायरे में जरूरत के हिसाब से लाया जा सकता है. दरें तय होने पर अगल-बगल के गांवों की दरों में होने वाली भिन्नता खत्म हो जाएगी.