Rampur News: समाजवादी नेता आजम खां के विरुद्ध दर्ज एक और मामले में बुधवार को फैसला आ सकता है. यह मामला डूंगरपुर प्रकरण से जुड़ा है, जिसमें आजम खां समेत 7 लोग आरोपी हैं.
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राजकुमार दीक्षित/सीतापुर: समाजवादी पार्टी महासचिव और पूर्व मंत्री आजम खान (Azam Khan) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. उनके खिलाफ चल रहे डूंगरपुर बस्ती केस (Dungarpur Basti Case) में बुधवार को रामपुर कोर्ट (Rampur court) अपना फैसला सुना सकती है. इस मामले में सुनवाई अदालत में पूरी हो चुकी है. डूंगरपुर बस्ती केस में आजम खान समेत 7 लोग आरोपी है. आजम खान पर साल 2019 में बस्ती खाली कराने के 12 मुकदमे दर्ज हुए थे.
कोर्ट में सुनवाई पूरी
आजम खान के खिलाप रामपुर की डूंगरपुर बस्ती में मारपीट, डकैती और आपराधिक षड्यंत्र के मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है. कोर्ट ने पूर्व सपा नेता आजम खां और पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां को 31 जनवरी को तलब किया है. कोर्ट ने सीतापुर जेल में बंद सपा नेता आजम खां और बिजनौर जेल में बंद पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां को व्यक्तिगत तौर पर तलब किया है.
रामपुर कोर्ट सुना सकती है फैसला
ऐसी संभावना है कि कोर्ट बुधवार यानी 31 जनवरी को इस मामले में अपना फैसला सुना सकती है. पिछले बुधवार को बचाव पक्ष की बहस होनी थी, जिसमें सपा नेता आज़म खान के अधिवक्ता ने स्थगन प्रार्थना पत्र दिया, जिसे खारिज करते हुए कोर्ट ने 30 जनवरी पक्ष रखने का आदेश दिया था. आज यानी 31 जनवरी को इस मामले में कोर्ट अपना फैसला सुना सकती है. गंज थाना क्षेत्र के डूंगरपुर बस्ती को खाली कराने के 12 मुकदमे साल 2019 में दर्ज हुए थे.
3 मामलों में उन्हें सजा
आरोपियों में सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां, पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर खां, सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ओमेंद्र चौहान, बरकत अली ठेकेदार, फिरोज खां और रानू खां भी शामिल हैं. आजम के खिलाफ इससे पहले 4 मुकदमों में फैसला हो चुका है, जिसमें 3 मामलों में उन्हें सजा हुई थी, जबकि पड़ोसी से मारपीट के एक मामले में बरी हो गए थे.
क्या है डूंगरपुर प्रकरण
सपा शासनकाल में डूंगरपुर में आसरा आवास (shelter home) बनाए गए थे.यहां पहले से कुछ लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें सरकारी जमीन पर बताकर 3 फरवरी 2016 की सुबह तोड़ा गया था. इन लोगों द्वारा ही बीजेपी की सरकार आने पर 25 जुलाई 2019 में गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराए थे.
12 लोगों की ओर से दर्ज अलग-अलग मुकदमों में आरोप है कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर ही पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था. इतना ही नहीं उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई. मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त किया गया था. बयानों के आधार पर पुलिस ने आजम को भी आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की थी.