MP Elections result 2023: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के जबरदस्त प्रदर्शन की बजह से भाजपा ने मध्य प्रदेश में भारी बहुत से सरकार बना ली है. बता दें कि हाल के रुझानों के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा ने 230 सीटों में से 166 पर जीत दर्ज कर आगे है.
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MP Elections result 2023: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों की मतगणना में भारतीय जनता पार्टी के जबरदस्त प्रदर्शन किया है. इसी वजह से भाजपा ने मध्य प्रदेश में भारी बहुत से सरकार बना ली है. बता दें कि हाल के रुझानों के अनुसार मध्य प्रदेश में भाजपा ने 230 सीटों में से 166 पर जीत दर्ज कर आगे है. अब ये कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के जबरदस्त प्रदर्शन से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मजबूत होंगे. उनके गढ़ कहे जाने वाले ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को भारी समर्थन मिला है. लेकिन इस पर उनके राजनीतिक विरोधियों को जवाब है, कि "सिंधिया का उनके क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है."
चुनाव होने तक बीजेपी नेतृत्व का कहना था कि 2018 में सिंधिया की वजह से ही कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल में सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं लेकिन, कांग्रेस नेतृत्व का दावा है कि सिंधिया का अपने क्षेत्र में कोई प्रभाव नहीं है. कांग्रेस की 2018 की जीत का एक बड़ा कारण सिंधिया के गढ़ चंबल-ग्वालियर क्षेत्र में उसका प्रदर्शन था. पार्टी ने 34 में से 26 सीटें जीतीं. 2013 में 12 और 2008 में 13 सीटें, जबकि बीजेपी को 20 और 16 सीटें मिलीं.
मार्च 2020 में सिंधिया के भाजपा में चले जाने से कमल नाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार गिर गई और इस "विश्वासघात" के लिए सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने उन्हें "गद्दार" भी कहा था. आपको बतातें चले कि
चम्बल-ग्वालियर क्षेत्र में आठ जिले हैं. इनमें से पांच - ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, अशोकनगर और गुना - ग्वालियर क्षेत्र में हैं, और तीन - मुरैना, भिंड और श्योपुर - चंबल क्षेत्र में हैं.
सिंधिया के भाजपा खेमे में मजबूती से शामिल होने से भगवा पार्टी ग्वालियर में लगभग क्लीन स्वीप करने की राह पर है. भाजपा के ग्वालियर (ग्रामीण) सीट पर कब्जा बनाए रखने और ग्वालियर (पूर्व) और ग्वालियर (दक्षिण), साथ ही ग्वालियर शहर और भितरवार पर पलटवार करने की संभावना है. सिर्फ डबरा ही कांग्रेस के पास रहेंगी ऐसा लग रहा है. राज्य में शानदार प्रदर्शन से सिंधिया के समर्थक उन्हें सीएम की कुर्सी पर देखना चाहते हैं. हालांकि, उन्होंने कहा है कि वह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं.
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