BJP RLD alliance: जयंत चौधरी और बीजेपी के गठबंधन पर खापों ने सुनाया फरमान, वेस्ट UP से राजस्थान-हरियाणा तक असर
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BJP RLD alliance: जयंत चौधरी और बीजेपी के गठबंधन पर खापों ने सुनाया फरमान, वेस्ट UP से राजस्थान-हरियाणा तक असर

RLD BJP alliance for Lok Sabha Chunav 2024: जयंत चौधरी और बीजेपी के गठबंधन की खबरों पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की खाप पंचायतों ने अपना समर्थन दिया है. जानें अगर यह गठबंधन होता है तो किसको इसका लाभ होगा और क्या राजस्थान और हरियाणा में इसका असर देखने को मिलेगा?...

 

Lok Sabha Election 2024

Lok Sabha Election 2024: भाजपा-रालोद (BJP-RLD) में गठबंधन हो गया है और पश्चिमी यूपी की सभी लोकसभा सीटों पर इसका सीधा असर पड़ने वाला है. इस गठबंधन से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह बदल गए हैं. पहले हुए चुनावों में जाट समाज भाजपा और रालोद में बटा लेकिन गठबंधन में रालोद मजबूत होगी. इसका सीधा असर आने वाले लोकसभा चुनाव में देखने को मिलेगा. लेकिन खाप पंचायतों के फरमान ने गठबंधन पर खुशी जाहिर की है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खाप पंचायतों के प्रभावशाली नेताओं ने राष्ट्रीय लोक दल (RLD) प्रमुख जयंत चौधरी के एनडीए में शामिल होने की खबर पर अपना समर्थन दिया है. किसानों के बड़े नेता चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने के बाद हर कोई बीजेपी सरकार की तारीफ कर रहा है. दरअसल, पिछले कई दिनों से जयंत चौधरी के NDA गठबंधन में जाने के संकेत मिल रहे हैं. खाप पंचायतों के समर्थन के बाद तो इस गठबंधन का होना लगभग पक्का ही समझा जा रहा है. बड़े किसान नेताओं का इस गठबंधन को समर्थन देना आगामी चुनावों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. 

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गठबंधन से रालोद का फायदा
जाट बाहुल कहे जाने वाली पश्चिमी यूपी की बेल्ट पर जाट समाज मोदीनगर विधानसभा के साथ बागपत लोकसभा बड़ी भूमिका रखते हैं. पहले हुए चुनावों में जाट समाज भाजपा और रालोद में बटा, लेकिन गठबंधन में रालोद मजबूत होगी. इसका प्रभाव आगामी विधानसभा चुनाव में भी दिखेगा. ऐसे में 2027 में मोदीनगर विधानसभा पर चुनाव जीतना सत्ताधारी दल के लिए आसान नहीं होगा. रालोद और भाजपा के गठबंधन को खाप नेताओं के समर्थन से यह माना जा रहा है कि इसका लाभ दोनों दलों को राजस्थान और हरियाणा में भी मिलेगा. किसान आंदोलन के बाद से किसान बीजेपी से नाराज चल रहे थे, लेकिन रालोद, बीजेपी के गठबंधन और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने से यह नाराजगी खत्म मानी जा रही है. 

विपक्ष में बेचैनी
इससे सत्तादल के नेताओं में बेचैनी हैं. उनके चेहरे पर परेशानी झलक रही है. हालांकि, शीर्ष नेतृत्व के फैसले को सही बताते हुए अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. बागपत लोकसभा से पिछले दस साल से डॉ. सत्यपाल सिंह सांसद हैं. इनसे पहले चौ. अजित सिंह यहां सांसद थे. वर्तमान में बागपत लोकसभा में पांच विधानसभा हैं, जिसमें मोदीनगर, सिवालखास, छपरौली, बागपत व बड़ौत हैं. सूत्रों की मानें तो मोदीनगर की राजनीति के कई कद्दावर नेता कुछ ही दिन में रालोद का दामन थाम सकते हैं. 

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