हाथी मेरा साथी नहीं, बसपा के जीते 10 सांसदों ने पाला बदला या पार्टी ने खुद निकाला
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हाथी मेरा साथी नहीं, बसपा के जीते 10 सांसदों ने पाला बदला या पार्टी ने खुद निकाला

Lok Sabha Chunav 2024:  बसपा प्रमुख मायावती की मुश्किलें उनके ही सांसद बढ़ाते हुए दिख रहे हैं. मलूक नागर से पहले कई और सांसद बसपा का साथ छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं. 

हाथी मेरा साथी नहीं, बसपा के जीते 10 सांसदों ने पाला बदला या पार्टी ने खुद निकाला

Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी बिसात बिछना शुरू हो गई है. लेकिन चुनाव से पहले बसपा प्रमुख मायावती की मुश्किलें उनके ही सांसद बढ़ाते हुए दिख रहे हैं. बिजनौर से बसपा के सिटिंग सांसद मलूक नागर 11 अप्रैल को पार्टी छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए. मलूक नागर से पहले कई और सांसद बसपा का साथ छोड़कर दूसरे दलों में शामिल हो चुके हैं. 

बसपा से इस्तीफा देने वाले मलूक नागर ने पार्टी पर उपेक्षा का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि बसपा का रिकॉर्ड रहा है कि एक कार्यकाल के बाद या तो नेता पार्टी छोड़ देता है या पार्टी उसे निकाल देती है. मैं 18 साल पार्टी में रहा हूं. हमने कई बार कड़वे घूंट पिए हैं. आज मजबूरी में पार्टी छोड़नी पड़ रही है. कोई नया घर तलाशेंगे. लोकसभा चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि मेरे हाथ में होता तो मैं चुनाव लड़ता लेकिन अभी कई चरण का चुनाव बाकी है. राजनीति संभावनाओं का खेल है."

रितेश पांडे ने छोड़ी पार्टी 
इससे पहले अंबेडकर नगर से 2019 में बसपा के सिंबल पर सांसद बने रितेश पांडे का भी इस चुनाव से पहले बसपा से मोह भंग हो चुका है. वह अब भाजपा का कमल थाम चुके हैं. बीजेपी ने उनको अंबेडकर नगर से प्रत्याशी घोषित किया है. 

दानिश अली
बसपा ने दानिश अली को पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते निष्कासित कर दिया था. चर्चा यह भी थी कि वह खुद बसपा छोड़ने की योजना बना रहे थे.  दानिश अली की कांग्रेस से नजदीकी बढ़ती गईं. कुछ समय बाद वह कांग्रेस में शामिल हो गए. कांग्रेस ने उनको अमरोहा से प्रत्याशी बनाया है. 

संगीता आजाद
लालगंज सीट से 2019 में बसपा के टिकट पर सांसद बनीं संगीता आजाद बीते कुछ समय से बसपा से साइडलाइन चल रही थीं. उनकी नजदीकियां बीजेपी नेताओं के साथ देखने को मिली थीं. चुनाव से पहले उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया. हालांकि बीजेपी से उनको टिकट नहीं मिला है. 

अफजाल अंसारी
ऐसा ही एक और नाम अफजाल अंसारी का है. वह गाजीपुर से 2019 में बसपा  से चुनाव लड़कर जीते थे लेकिन 2024 में समाजवादी पार्टी ने उनको गाजीपुर से उम्मीदवार घोषित किया है. 

राम शिरोमणि वर्मा हुए आउट
इसके अलावा 2019 में श्रावस्ती से बसपा से राम शिरोमणि वर्मा सांसद बने थे. लेकिन उनको भी अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधि के चलते बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. 

अतुल राय का कटा टिकट
बसपा ने घोषी से सिटिंग सांसद अतुल राय का टिकट काट दिया है. उनकी जगह पार्टी ने पूर्व सांसद बालकृष्ण चौहान को प्रत्याशी बनाया है. अतुल राय की भी बसपा से अनबन की खबरें सामने आई थीं. 

फजलुर रहमान कुरैशी 
2019 मे सहारनपुर से सांसद रहे फजलुर रहमान कुरेशी का टिकट भी बसपा ने काट दिया है. बसपा ने यहां से माजिद अली पर दांव खेला है. टिकट कटने के बाद फजलुर रहमान कुरेशी साइलेंट मोड में हैं लेकिन माना जा रहा है कि वह कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं.

श्याम सिंह यादव 
जौनपुर से बसपा सांसद श्याम सिंह यादव का भी बसपा से मोहभंग होता दिखाई दिया है. बीते दिनों उनकी कांग्रेस से नजदीकियों की खबरें आईं. वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुए थे. माना जा रहा है कि वह नया विकल्प तलाश सकते हैं. 

इमरान मसूद 
वेस्ट यूपी का एक और नेता को बसपा बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. सहारनपुर से पूर्व विधायक इमरान मसूद को पार्टी ने निकाल दिया. अब वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. 

 

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