Rafiq Ansari News: इलाहाबाद हाई-कोर्ट ने मेरठ से समाजवादी पार्टी विधायक रफीक अंसारी की 1995 में दर्ज हुए मुकदमे पर राहत याचिका खारिज कर दी है. पढ़िए क्या था मामला...
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Meerut News: मेरठ से समाजवादी पार्टी विधायक रफीक अंसारी को इलाहाबाद हाई-कोर्ट ने अदालत की नाफरमानी पर हंटर चलाते हुए उनकी राहत याचिका को खारिज कर दिया है. रफीक अंसारी ने अपराधिक कार्यवाही रद्द करने की मांग करते हुए हाई-कोर्ट में राहत याचिका दाखिल की थी.
हाईकोर्ट ने दलीलों को किया खारिज
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 1995 में रफीक अंसारी समेत कई अन्य के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे पर यह फैसला दिया है. आपको बता दें साल 1995 में मेरठ के नौचंदी थाने में रफीक अंसारी और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 436 और 427 के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
100 से ज्यादा एनबीडब्ल्यू हुए थे जारी
चार्जशीट दाखिल होने के बाद 1997 में ट्रायल कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया था. उनके खिलाफ 100 से ज्यादा बार एनबीडब्ल्यू जारी हुआ था. परंतु इसके बावजूद विधायक रफीक अंसारी ट्रायल कोर्ट में पेश नहीं हुए थे. ट्रॉयल कोर्ट ने रफीक अंसारी के खिलाफ धारा 82 और 83 के तहत भी कार्रवाई करने का आदेश दिया था.
एनबीडब्ल्यू आदेश को रद्द करने की थी मांग
हाईकोर्ट में दाखिल रफीक अंसारी की याचिका में कहा गया था कि मामले में आरोपी अन्य सभी व्यक्ति बरी हो गए हैं. ऐसे में उनके खिलाफ ट्रॉयल कोर्ट द्वारा जारी एनबीडब्ल्यू आदेश को रद्द किया जाए. हाईकोर्ट ने इसके जवाब में कहा कि गंभीर अपराधिक मामलों का सामना कर रहे व्यक्तियों को कानूनी जवाबदेही से बचने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. हाईकोर्ट ने एमएलए रफीक अंसारी की याचिका खारिज करते हुए आदेश की एक कॉपी विधानसभा अध्यक्ष को भी भेजने का निर्देश दिया है. मामले में ट्रॉयल कोर्ट की तरफ से जारी एनबीडब्ल्यू आदेश को तामील कराने के लिए हाईकोर्ट ने डीजीपी को भी निर्देश दिया है. और इसके साथ आदेश के अनुपालन का हलफनामा डीजीपी अगली तारीख पर दाखिल करने को भी कहा है. मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई 2024 को होगी. जस्टिस संजय कुमार सिंह की सिंगल बेंच ने यह आदेश दिया है.
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