गाजीपुर में अफजाल अंसारी या पारसनाथ राय, 'मुख्तार' बना बड़ा चुनावी मुद्दा
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गाजीपुर में अफजाल अंसारी या पारसनाथ राय, 'मुख्तार' बना बड़ा चुनावी मुद्दा

Ghazipur Lok Sabha CHunav 2024: गाजीपुर में सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा. बीजेपी ने यहां से पारसनाथ राय को उतारा है, जबकि सपा से अफजाल अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने यहां से डॉ. उमेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है. 

गाजीपुर में अफजाल अंसारी या पारसनाथ राय, 'मुख्तार' बना बड़ा चुनावी मुद्दा

Ghazipur Lok Sabha CHunav 2024: पूर्वांचल की हॉट लोकसभा सीटों में गाजीपुर एक है. यहां सातवें चरण में 1 जून को मतदान होगा. बीजेपी ने यहां से पारसनाथ राय को उतारा है, जबकि सपा से अफजाल अंसारी चुनाव लड़ रहे हैं. बसपा ने यहां से डॉ. उमेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है. बीते लोकभा चुनाव में यहां से बसपा के टिकट पर अफजाल अंसारी जीते थे, उन्होंने बीजेपी के मनोज सिन्हा को शिकस्त दी थी. अब देखना होगा कि चुनाव में मुख्तार फैक्टर कितना काम करता है. 

पारसनाथ राय का पहला चुनाव 
पारसनाथ राय जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा का करीबी माना जाता है. वह गाजीपुर के मनिहारी ब्‍लॉक के जखनियां विधानसभा के सिखड़ी गांव के रहने वाले हैं. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी जुड़े हुए हैं. साथ ही वह मदन मोहन मालवीय इंटर कॉलेज के प्रबंधक भी हैं. पारसनाथ राय का यह पहला चुनाव है. 

सपा का अफजाल अंसारी पर दांव
समाजवादी पार्टी ने अफजाल अंसारी पर दांव लगाया है. वह 2019 में बसपा के सिंबल पर गाजीपुर से सांसद बने थे. अफजाल अंसारी ने अब तक 10 चुनाव लड़े हैं, जिनमें से 7 बार जीत हासिल की है जबकि 3 बार हार का सामना करना पड़ा. वह 5 बार विधायक रहे और दो बार सांसद रह चुके हैं. अफजाल अंसारी ने अपनी राजनीतिक पारी 1985 में की थी. तब वह कम्युनिस्ट पार्टी से मोहम्मदाबाद से विधायक बने थे. 2004 में वह सपा से पहली बार सांसद बने.

बसपा ने उमेश सिंह को उतारा
बसपा ने गाजीपुर से उमेश सिंह को प्रत्याशी बनाया है. उमेश सिंह ने छात्र राजनीति करते हुए सियासत में कदम रखा है. वह 1991-92 में बीएचयू के छात्रसंख महामंत्री रहे. वह सैदपुर के मुड़ियार के रहने वाले हैं.लखनऊ यूनिवर्सिटी से उन्होंने कानून में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है. वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के आंदोलन में शामिल रहे थे. 

चार विधानसभा सीटें सपा के पास 
गाजीपुर लोकभा क्षेत्र में 5 विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिसमें जखनिया, सैदपुर, गाजीपुर सदर, जंगीपुर, जमनिया शामिल हैं. इनमें से 4 पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है जबकि जखनिया सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के खाते में है. 

गाजीपुर जातीय समीकरण 
गाजीपुर लोकसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा 43 फीसदी पिछड़ी और अन्य पिछड़ी जातियां हैं. एससी-एसटी आबादी करीब 21 फीसद और मुस्लिम आबादी करीब 12 फीसदी से ज्यादा है. वहीं सवर्ण जातियां 17 प्रतिशत के करीब हैं. बाकी अन्य जातियां हैं. यहां पर यादव वोटर की भी अच्छी पैंठ बताई जाती है. 2019 लोकसभा चुनावों में यहां सपा-बसपा का गठबंधन था और अफजाल अंसारी प्रत्याशी थे. उन्होंने करीब एक लाख बीस हजार मतों से मनोज सिन्हा को हराया था.

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