Kanpur News: कानपुर देहात के गद्दा फैक्टरी में लगी भयानक आग में झुलसकर 6 मजदूरों की मौत, दर्दनाक मंजर देख हिल गए लोग
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Kanpur News: कानपुर देहात के गद्दा फैक्टरी में लगी भयानक आग में झुलसकर 6 मजदूरों की मौत, दर्दनाक मंजर देख हिल गए लोग

Kanpur Dehat News: गद्दा फैक्ट्री में आग लगने से 6 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो चुकी हैं. कंपनी के दो डायरेक्ट को फिलहाल गिरफ्तार कर लिया गया है. आगे लापरवाह अफसरों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही जा रही है.

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आलोक त्रिपाठी/कानपुर देहात: कानपुर देहात जिले में एक दर्दनाक घटना घटी है. जिले के रनियां औद्योगिक क्षेत्र में आरपी पॉली प्लास्ट गद्दा फैक्ट्री में संदिग्ध परिस्थितियों में आग लगी. इस दौरान फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे 10 मजदूर आग की लपटों में ऐसे घिरे कि इनमें से कुछ मजदूर तो जलते हुए दौड़कर बाहर निकले और अपनी जान बचाई लेकिन तीन मजदूर कंपनी के भीतर ही आग की चपेट में आकर राख हो गए. वहीं जिन सात मजदूरों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया था उनमें से तीन मजदूरों ने दम तोड़ दिया है. इस तरह से इस दर्दनाक घटना में 6 मजदूरों की जान चली गई. 4 मजदूरों का फिलहाल, इलाज चल रहा हैं.  

नौकरी के दूसरे दिन ही उनकी जिंदगी मौत में बदली
इस भयानक आग की जद में आकर 6 मजदूरों जान चली गई और इस वाकये ने सभी को हिलाकर रख दिया है. इस भयानक मंजर को देख लोगों के रौंगटे खड़े हो गए. जिन मजदूरों की मौत हुई है वह सब युवा थए और एक तो नाबालिग था. हादसे के बाद अब मजदूरों के घर में मातम पसरा है, मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे हैं जिनका पेट कैसे पलेगा ये एक बड़ा सवाल है. बताया जा रहा है कि यह मजदूर गुजरात में काम करते थे लेकिन दिवाली नजदीक ही थी ऐसे में गांव के करीब आकर इन सब ने नौकरी शुरू कर दी. लेकिन दुर्भाग्य ऐसा कि नौकरी के दूसरे दिन ही उनकी जिंदगी मौत में बदल गई. 

अग्निशमन अधिकारी के तहरीर पर एफआईआर
कंपनी के मालिकों ने मजदूरों की दर्दनाक मौत के बाद कीमत 12 लाख रुपए तय कर दी हैं. वहीं, जानकारी मिली है कि फैक्ट्री बिना फायर एनओसी के संचालित थी ऐसे में अग्निशमन अधिकारी के तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर कंपनी के दो डायरेक्टर को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अधीक्षक का कहना है कि परिवार अगर कोई तहरीर देता है तो उस आधार पर भी कार्रवाई की जाएगी. 

फैक्ट्री बिना फायर एनओसी के चल रही थी 
महत्वपूर्ण सवाल ये है कि फैक्ट्री बिना फायर एनओसी के चल रही थी तो जिम्मेदार अफसर कहां थे? औद्योगिक क्षेत्र में कितनी और ऐसी कंपनियां है जो मानकों को ताक पर रखकर चल रही है जिनके पास फायर एनओसी नहीं है फिर भी धड़ल्ले से कंपनियों का संचालन हो रहा है. क्या ऐसी कंपनियों पर जिम्मेदार अफसर मेहरबान हैं? इन लापरवाह अफसर पर क्या कार्रवाई तय की जाएगी ये भी एक बड़ा सवाल है. क्योंकि जब भी कोई हादसा होता है तो जान मजदूर की ही जाती है, बाद में सिर्फ जांच के आदेश होते हैं और नतीजे का इंतजार होता है.

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