मंत्री की कोठी के बाहर चलवा दिया था बुलडोजर, PCS से IAS बने यूपी के डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी फिर चर्चा में
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मंत्री की कोठी के बाहर चलवा दिया था बुलडोजर, PCS से IAS बने यूपी के डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी फिर चर्चा में

IAS Indramani Tripathi: पहले फर‍ियाद लेकर दफ्तर आए किसान के हाथ का पराठा खाया, फ‍िर बुजुर्ग महिला को कार से घर छुड़वाया, अब 15 साल की छात्रा को डीएम बनाकर ख्‍वाहिश पूरी की. 

IAS Indramani Tripathi

IAS Indramani Tripathi: औरैया के डीएम डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी चर्चा में है. वजह एक 15 वर्षीय छात्रा ने डीएम बनने की ख्‍वाहिश बताई तो आईएएस इंद्रमणि त्रिपाठी ने एक दिन के लिए औरैया का जिलाधिकारी बना दिया. यह पहली बार नहीं है जब उनके नाम की चर्चा हो रही है, इससे पहले भी वह सुर्खिंया बंटोर चुके हैं. आईएएस डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी सीएम योगी सरकार के सबसे तेज तर्रार अफसरों में से एक हैं. 

बुजुर्ग महिला को घर तक छुड़वाया था 
इससे पहले औरैया डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी के दफ्तर पर एक वृद्ध महिला फर‍ियाद लेकर पहुंची थी. डीएम ने एक सप्‍ताह में समस्‍या का समाधान करने का आश्‍वासन देकर बुजुर्ग महिला को घर तक छुड़वाया था. वहीं, डीएम औरैया का चार्ज लेते ही फर‍ियाद लेकर आए एक किसान से इंद्रमणि त्रिपाठी ने पराठा मांग लिया था. डीएम के इस डिमांड से दफ्तर में मौजूद अन्‍य अफसर चौंक गए थे. डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी अपने बेहतरीन कार्यों के लिए अलग पहचान बना चुके हैं.   

कौन हैं इंद्रमणि त्रिपाठी? 
1998 बैच के पीसीएस अफसर डा. इंद्रमणि त्रिपाठी आजमगढ़ के रहने वाले हैं. 31 अगस्त 2020 में प्रमोशन मिलने के बाद वह आईएएस बन गए थे. आईएएस प्रमोट होते ही सीएम योगी ने उन्‍हें 2020 में उन्हें नगर विकास विभाग का विशेष सचिव नियुक्त कर दिया. फ‍िर दो साल बाद उन्हें लखनऊ विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बनाया गया. एलडीए वीसी के तौर पर वह चार साल तक सेवाएं दीं. इसके बाद 13 जुलाई 2024 को उन्हें औरैया जिले का कलेक्टर बनाया गया.

इस वजह से भी चर्चा में रहे 
इंद्रमणि त्रिपाठी जब एलडीए वीसी बने तो आयकर विभाग ने बेनामी संपत्ति मामले में उन्‍हें तलब किया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आयकर विभाग ने मामले की जांच की तो यह सही पाया गया, जिससे बाद आयकर विभाग ने उनकी बेनामी संपत्ति अटैच कर दी थी. यह संपत्ति उनकी सास मीरा पांडे के नाम थी, लेकिन विभाग का कहना था कि इसके लाभार्थी इंद्रमणि ही है. 

मुजफ्फरनगर में चार साल रही तैनाती 
मुजफ्फरनगर में चार साल की तैनाती के दौरान वहां के लोगों से उन्‍हें खूब प्‍यार मिला, पांच साल बाद कोरोना काल के दौरान नोडल अधिकारी बनाकर दोबारा मुजफ्फरनगर पहुंचने पर इंद्रमणि त्रिपाठी के स्‍वागत में पूरा शहर उमड़ पड़ा था. सिटी मजिस्ट्रेट रहने के दौरान इंद्रमणि त्रिपाठी ने बिना भेदभाव के तत्कालीन मंत्री चितरंजन स्वरूप की कोठी के बाहर से लेकर एक आम खोखे और ठेले वाले के अतिक्रमण से शहर की सड़कों, नाले और नालियों को मुक्त कराया था. 

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