Air Pollution UP: दिवाली से पहले यूपी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा है. दिल्ली से सटे शहरों के हालात ज्यादा खराब है. पूर्वांचल के आधा दर्जन जिले भी वायु प्रदूषण की मार झेल रहे हैं.
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Air Pollution UP: उत्तर प्रदेश के अधिकांश जिले इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रहे हैं. पश्चिमी यूपी ही नहीं पूर्वांचल के कई जिले वायु प्रदूषण की चपेट में हैं. गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद के बाद गोरखपुर में प्रदूषण का खराब स्तर पर है. दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा में इससे निपटने के लिए इंतजाम भी किए जा रहे हैं. दिवाली पर पटाखों पर सख्ती बरती जाएगी. पराली जाने पर भी रोक लगाई गई है.
पटाखे जलाने पर पाबंदी
योगी सरकार में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार ने वायु प्रदूषण फैलाने वालों से सख्ती से निपटने के आदेश दे दिए हैं. साथ ही अफसरों को दिपावली पर पटाखों पर पाबंदी लगाने के निर्देश दिए हैं. पराली जलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है. पश्चिमी यूपी में गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, शामली, मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, बागपत, सहारनपुर जिलों में प्रदूषण का स्तर खराब हो गया है.
मेरठ सबसे प्रदूषित शहर
शहर AQI स्तर
मेरठ 367
गाजियाबाद 336
नोएडा 333
हापुड 318
आगरा 163
अलीगढ़ 171
मुरादाबाद 101
मुजफ्फरनगर 94
रामपुर 96
सहारनपुर 103
शाहजहांपुर 51
वृंदावन 176
प्रयागराज 43
बहराइच 72
बांदा 46
बरेली 51
बदायूं 51
बुलंदशहर 233
इटावा 150
लखनऊ 96
गर्भवती महिलाएं और नवजात दें ध्यान
जानकारों का कहना है कि नोएडा-मेरठ और गाजियाबाद की हवा जहरीली हो गई है. यहां एक्यूआई 300 पार कर गया है. इसका नवजात शिशुओं और गर्भवती महिलाओं पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है. इससे संक्रमण और श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं. उनका कहना है कि जब प्रदूषण का स्तर 100 के ऊपर हो जाए, तो गर्भवती महिलाओं को घर के अंदर ही रहना चाहिए और बाहर जाने से बचना चाहिए. अगर बाहर जाना आवश्यक हो, तो उन्हें एन95 मास्क पहनना चाहिए. घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल भी करें.
देखें कितना एक्यूआई स्तर ठीक
जानकारी के मुताबिक, अगर किसी शहर का वायु प्रदूषण गुणवत्ता (AQI) 0 से 50 के बीच है तो उस शहर की हवा ठीक है. वहीं, अगर एक्यूआई का स्तर 51 से 100 के बीच है तो मध्यम है. इसके अलावा अगर एक्यूआई का स्तर 101 से 200 पहुंच जाए तो यह खराब है. एक्यूआई स्तर 201 से 300 पहुंचने पर यह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है. 301 से 400 पहुंचने पर गंभीर हो सकता है. वहीं, 401 से 500 पहुंचने पर खतरनाक हो सकता है.
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