UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. इससे पहले रिपोर्ट के मुख्य अंश ही जारी किए थे, लेकिन, शुक्रवार शाम चार खंडों वाली पूरी रिपोर्ट आम लोगों के लिए उपलब्ध हो गई.
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UCC in Uttarakhand: उत्तराखंड में सरकार की ओर से समान नागरिक संहिता की पूरी रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है. इससे पहले रिपोर्ट के मुख्य अंश ही जारी किए थे, लेकिन, शुक्रवार शाम चार खंडों वाली पूरी रिपोर्ट आम लोगों के लिए उपलब्ध हो गई. कोई भी व्यक्ति रिपोर्ट को वेबसाइट https://ucc/uk.gov.in पर जाकर देख सकता है. रिपोर्ट में उत्तराखंड की जनसांख्यिकी में होने वाले बदलाव और पहाड़ों से लोगों के पलायन का भी जिक्र किया गया है.
मैदानी इलाकों में बढ़ी आबादी
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पहाड़ी इलाकों में आबादी घट रही है तो मैदानी इलाकों में आबादी तेजी से बढ़ी है, जिसकी वजह दूसरे राज्य से यहां रहने आए लोग भी हैं. आंकड़ों के मुताबिक मुस्लिम और इसाइयों की आबादी में हिंदुओं और सिखों की तुलना में ज्यादा वृद्धि हुई है. धार्मिक अल्पसंख्यक समूहों का बड़ा हिस्सा मैदानी इलाके में है. हरिद्वार में 34.3 और उधमसिंहनगर में 22.6 फीसदी मुस्लिम आबादी है.
रिपोर्ट के अनुसार 2001 से 2011 के दशक में मैदानी इलाकों के शहरी क्षेत्र में 30.33 प्रतिशत जनसंख्या बढ़ी है, जिसकी बड़ी वजह पलायन है. कहा गया है कि 2001-11 के दशक में, मुस्लिम और ईसाइयों की वार्षिक जनसंख्या वृद्धि दर 3.9% से ज्यादा, सिखों 1.15% और हिंदुओं (1.60%) से आगे निकल गई है. जबकि जैन आबादी पूर्ण गिरावट आई.
सरकार ने बनाई थी कमेटी
उत्तराखंड की धामी सरकार ने 27 मई 2022 को यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय कमेटी बनाई थी. रिटायर्ड जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में कमेटी गठित की गई थी. कमेटी ने 43 जनसंवाद कार्यक्रम और विभिन्न माध्यमों से 2.33 लाख लोगों से यूसीसी के लिए सुझाव लिए थे. इसके बाद 2 फरवरी, 2024 को कमेटी ने सरकार को यूसीसी की रिपोर्ट सौंपी.
अक्टूबर में हो सकती है लागू
कमेटी की ओर से रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री धामी ने 7 फरवरी को यूसीसी के ड्राफ्ट को विधानसभा के पटल पर रखा. इसे विधानसभा में ध्वनि मत से पास कर दिया गया। इसके बाद उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया. विधेयक को कानून बनाने के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया और फिर 11 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यूसीसी विधेयक को मंजूरी दे दी. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अक्टूबर माह में इसे उत्तराखंड में लागू करने का ऐलान किया है.
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