Purnagiri mela: 82 दिन तक चलेगा पूर्णागिरि मेला, जानिए क्या है इतिहास और क्यों होती है इतनी भीड़
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Purnagiri mela: 82 दिन तक चलेगा पूर्णागिरि मेला, जानिए क्या है इतिहास और क्यों होती है इतनी भीड़

Purnagiri Dham: पूर्णागिरि मेले की तैयारी की तेज हो गई है. इसको लेकर जिला प्रशासन ने तैयारियां तेज कर दी है. मेले में व्यवस्थाओं को लेकर एक बैठक भी की गई है. जानिए कि कब से लगेगा मेला.  

 Purnagiri mela

Purnagiri Dham: उत्तर भारत के सबसे प्रसिध्द पूर्णागिरि मेले की तैयारियां शुरू कर दी गई है. मेले को लेकर  जिला पंचायत अध्यक्ष ज्योति राय के अध्यक्षता में बैठक सपंन्न हुई है. बैठक मेले को पिछले बर्ष की अपेक्षा इस बर्ष और भी अधिक भव्य और सुविधाजनक बनाने पर चर्चा हुई है. बैठक में निर्णय लिया गया कि मेले को भव्यता देने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर देनी चाहिए. बैठक में अध्यक्ष जिला पंचायत ने कहा मेले को भव्य रूप देने के लिए जिला पंचायत पूर्व की भांति इस बार भी पूरा सहयोग करेगी. जिलाधिकारी ने कहा कि आने वाले श्रद्धालुओं को मां पूर्णागिरि के दर्शन आसानी से हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए. उन्होंने कहा कि मार्ग में लाइटिंग, पेयजल, शौचालय, स्नानागार, आवास, स्वास्थ्य, संचार आदि की पूर्ण व्यवस्था हो इस हेतु अभी से तैयारी कर ली जाए. 

कब से होगा मेला शूरू
नैनीताल जनपद के पड़ोस में और चंपावत जनपद में इस मेले का आयोजन किया जाता है. मेला 26 मार्च से प्रारंभ होकर 15 जून 2024 तक चलेगा. यानी ये आयोजन 82 दिनों का होने वाला है. मेले को बिना किसी अव्यवस्था संपन्न कराए जाने के लिए एसडीएम टनकपुर को मेला मजिस्ट्रेट तथा अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत को मेला अधिकारी नियुक्त किया जाएगा. मेले में आने वाले लोगों को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो इसलिए  श्रद्धालुओं के ठहरने की भी उत्तम व्यवस्था कि जाएगी. इसके अतिरिक्त ब्रह्मदेव घाट (बूमघाट) क्षेत्र में अस्थाई टेंट लगाए जाएंगे. इस हेतु जिला पर्यटन अधिकारी को निर्देश दिए गए कि वह मेला प्रारंभ होने से पूर्व ही टेंट लगाना सुनिश्चित करें.

क्या है पौराणिक मान्यता
पूर्णागिरि धाम में सती की नाभि गिरी थी, जिसके कारण यहां नाभि का काफी अधिक महत्व है. पूर्णागिरि धाम देश के 52 शक्तिपीठों में शामिल है. जब सती ने अपनी पिता दक्ष के यज्ञ में अपमानित होकर स्वयं को जला डाला था तो भगवान शिव उनके पार्थिव शरीर को आकाश मार्ग से ले जा रहे थे. इस दौरान मां की नाभि अन्नपूर्णा चोटी पर गिरी. जिसके बाद से यह स्थल मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ के लाम से जाना जाता है. मेलाधिकारी भगवत पाटनी ने बताया कि टिन शेड ठुलीगाड़ व बूम क्षेत्र में लगाए जा रहे है. बताया कि दोनों स्थानों पर भंडारे के दो कैंप अतिरिक्त लगाए जाएंगे, जिससे श्रद्धालुओं को सुविधा मिल सके.

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