26 जनवरी और वीकेंड की छुट्टी के चलते महाकुंभ से श्रद्धालुओं की भीड़ काशी-अयोध्या में उमड़ रही है. यहां करीब 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची. काशी विश्वनाथ धाम पर 3 किमी लंबी लाइन लगी है तो वहीं अयोध्या में भी डेढ़ किमी लंबी लाइन है, जिसने स्थानीय लोगों की मुश्किलें भी बढ़ा दी हैं.
Trending Photos
Varanasi News: काशी और अयोध्या में इस वीकेंड बाबा विश्वनाथ और रामलला के दर्शन के लिए करीब 10 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे है. काशी में बाबा विश्वनाथ धाम के सभी गेटों पर 3 किलोमीटर लंबी लाइनें लगी रहीं. गलियों से लेकर चौक-चौराहों तक पैर रखने की जगह नहीं बची. गोदौलिया और मैदागिन जैसे इलाकों में भीड़ ने हर तरफ जाम लगा दिया.
भीड़ काबू करने पुलिस कमिश्नर सहित 22 अफसर सड़क पर उतरे
भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस कमिश्नर मोहित अग्रवाल खुद मैदान में उतर आए. उन्होंने 8 आईपीएस और 14 पीपीएस अफसरों को भीड़ प्रबंधन में लगा दिया. इसके बावजूद प्रशासन की तैयारियां सवालों के घेरे में हैं.
स्कूल बसें जाम में फंसी
इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें काशी विश्वनाथ मंदिर के गेट नंबर 4 के बाहर स्कूल बसें जाम में फंसी नजर आईं. लोग घंटों तक जाम में फंसे रहे और प्रशासन को कोसते दिखे.
प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचे श्रद्धालु बड़ी संख्या में काशी का रुख कर रहे हैं, जिससे अचानक भीड़ बढ़ गई है. मंदिर, गंगा घाट, और मुख्य बाजारों से लेकर 5 किलोमीटर का एरिया जाम की चपेट में रहा.
अयोध्या में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़
दूसरी तरफ, राम नगरी अयोध्या में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा. हनुमान गढ़ी और रामलला के दर्शन के लिए लोगों को 1-2 घंटे तक लंबी लाइनों में खड़ा रहना पड़ा. सरयू घाट से लेकर राम मंदिर तक भीड़ ही भीड़ नजर आई.
श्रद्धालुओं की भीड़ स्थानीय लोग परेशान
स्थानीय लोगों का कहना है कि भीड़ और जाम की वजह से बच्चों को स्कूल और दफ्तर जाने में दिक्कत हो रही है. रोजमर्रा की जरूरतों के लिए बाहर निकलना भी मुश्किल हो गया है.
भीड़ और ट्रैफिक प्रबंधन को लेकर प्रशासन ने बड़े-बड़े दावे किए थे, लेकिन हालात देखकर लोग अब सवाल उठा रहे हैं. तैयारियों के बावजूद इस तरह की दुश्वारियां श्रद्धालुओं और स्थानीय निवासियों को परेशान कर रही हैं.
ये भी पढ़ें : महाकुंभ में महामंडलेश्वर बनीं ममता कुलकर्णी, मोहमाया छोड़ लिया संन्यास, 25 साल बाद विदेश से लौटी थीं मुंबई