बाबरी विध्वंस केस के फैसले से अयोध्या के संत गदगद, इकबाल अंसारी बोले - चैन से जी सकेंगे बुजुर्ग
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बाबरी विध्वंस केस के फैसले से अयोध्या के संत गदगद, इकबाल अंसारी बोले - चैन से जी सकेंगे बुजुर्ग

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट साक्ष्यों और तथ्यों पर फैसला देता है. हम इसका स्वागत व सम्मान करते हैं.

बाबरी विध्वंस केस के फैसले से अयोध्या के संत गदगद, इकबाल अंसारी बोले - चैन से जी सकेंगे बुजुर्ग

अयोध्या: बाबरी विध्वंस मामले में 28 साल बाद आए कोर्ट के फैसले का प्रयागराज में बीजेपी कार्यकर्ताओं और अयोध्या के संत समाज ने स्वागत किया है. प्रयागराज में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने संगम नगरी प्रयागराज में घंटा, घड़ियाल और शंख बजाकर खुशी का इजहार किया. वहीं दूसरी ओर अयोध्या में संतों ने भी फैसले पर खुशी जताई है. 

 

मणिराम छावनी के महंत कमल नयनदास ने कहा कि उनकी खुशी तो तभी लौट आई थी जब राम मंदिर का फैसला उनके पक्ष में आया था. अब जब कोर्ट से बरी हो गए हैं तो और भी खुशी है.  

बाबरी मस्जिद के पूर्व पक्षकार इकबाल ने कहा - बुजुर्ग चैन से जी सकेंगे

बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने कहा कि कोर्ट साक्ष्यों और तथ्यों पर फैसला देता है. उन्होंने कहा हम इसका स्वागत व सम्मान करते हैं उन्होंने कहा कि फैसले आने से केस में शामिल बुजुर्ग चैन से जी सकेंगे.

सभी के बरी होने के लिए किए थे यज्ञ व अनुष्ठान - महंत परमहंस दास

वहीं फैसले पर महंत परमहंस दास ने कहा कि सभी आरोपियों को कोर्ट बरी कर दे इसके लिए यज्ञ व अनुष्ठान भी किए गए थे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राम मंदिर की तरह काशी विश्वनाथ और मथुरा की श्रीकृष्ण जन्मभूमि को मुक्त होना चाहिए.

केस से बरी हुए वेदांती ने कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

बाबरी विध्वंस केस से बरी हुए रामविलास वेदांती ने कहा कि यह कांग्रेस की साजिश थी जिसके तहत उन्हें गलत तरीके से फंसाया गया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर बनने का रास्ता साफ हो गया है और जल्द ही भव्य मंदिर बनेगा.

विशेष अदालत ने 28 साल बाद सुनाया फैसला

स्पेशल सीबीआई कोर्ट के जज सुरेंद्र कुमार यादव ने केस का फैसला देते हुए कहा कि बाबरी विध्वंस की घटना पूर्वनियोजित नहीं बल्कि आकस्मिक थी. अराजक तत्वों ने ढांचा गिराया था और आरोपी नेताओं ने इन लोगों को रोकने का प्रयास किया था. आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं और सीबीआई की ओर से जमा किए गए ऑडियो और वीडियो सबूतों की प्रमाणिकता की जांच नहीं की जा सकती है. इसलिए केस के सभी 32 आरोपी बाइज्जत बरी किए जाते हैं. फैसला सुनाने के साथ ही जज एसके यादव सेवानिवृत्त हो गए. आपको बता दें कि वह एक वर्ष पहले आज ही के दिन सेवानिवृत्त हो गए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने ​बाबरी विध्वंस के फैसले तक उनको सेवा विस्तार दे दिया था.

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