यूपी के इस जिले में भी है 'रामनगरी अयोध्या', बसे हैं दशरथ कुंज, लक्ष्मण नगर और अयोध्या कुंज
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यूपी के इस जिले में भी है 'रामनगरी अयोध्या', बसे हैं दशरथ कुंज, लक्ष्मण नगर और अयोध्या कुंज

Agra News: रामलला 22 जनवरी को अयोध्या में बने भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान होंगे, लेकिन आगरा में एक क्षेत्र ऐसा भी है, जहां पर पहले से ही अयोध्या कुंज, दशरथ कुंज और लक्ष्मण नगर के नाम से नगरी बसी हुई है. 

यूपी के इस जिले में भी है 'रामनगरी अयोध्या', बसे हैं दशरथ कुंज, लक्ष्मण नगर और अयोध्या कुंज

मनीष गुप्ता/आगरा: प्रभु श्रीराम 22 जनवरी को अयोध्या में बने भव्य श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजमान होंगे, मगर ताज नगरी आगरा में एक क्षेत्र ऐसा भी है, जहां पर पहले से ही अयोध्या कुंज, दशरथ कुंज और लक्ष्मण नगर के नाम से पूरी की पूरी नगरियां बसी हुई हैं. जहां एक तरफ अयोध्या में श्रीराम लला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही होगी, वहीं ताजनगरी के इन क्षेत्रों में भी पूजा-अर्चना की जाएगी.

अयोध्या कुंज में होगा भव्य आयोजन
भाजपा नेता व उपाध्यक्ष ब्रज क्षेत्र एडवोकेट हेमेंद्र शर्मा बताते हैं कि अयोध्या कुंज का प्रत्येक नागरिक बेहद उत्साहित है. अयोध्या कुंज में स्थित मंदिर में भव्य आयोजन की तैयारी की गई है. इसके लिए सुबह शाम भजन संध्या के साथ ही लाइटिंग और सजावट का कार्य किया जा रहा है. इतना ही नहीं 14 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक विभिन्न कार्यक्रम किए जाएंगे. अयोध्या कुंज कॉलोनी की बसावट 1975 के आस पास हुई थी.अयोध्या नाम पड़ने से यहां के वाशिंदे भी अब खुद को गौरांवित महसूस करते हैं. 

दशरथ कुंज व लक्ष्मण नगर
बात सिर्फ अयोध्या कुंज की नहीं है बल्कि पास में ही दशरथ कुंज कॉलोनी भी है. यहां पर भी लोगों में श्रीराम लला के विराजमान समारोह को लेकर जबरदस्त उत्साह है. कुछ ऐसा ही हाल लक्ष्मण नगर कॉलोनी का भी है. प्रभु श्रीराम और उनके भाइयों के नाम पर कॉलोनियों का नाम होने से कॉलोनी वासियों के मन में गौरव और भक्ति का भाव जाग्रत हो जाता है. लक्ष्मण नगर कॉलोनी की रहने वाली पूजा गुप्ता बताती हैं कि जब हम अपने किसी परिचित को कॉलोनी का नाम बताते हैं तो वे भी नाम सुन कर प्रसन्न हो जाते हैं.

हर तरफ राम नाम की गूंज
ताज नगरी आगरा का अयोध्या कुंज हो या फिर दशरथ कुंज समेत पूरे शहर में उत्साह का माहौल है. शहर भर के मंदिरों में 22 जनवरी को उत्सव मनाने की तैयारियां की जा रही हैं. इसके लिए मंदिरों को सजाने के साथ ही सुंदर कांड का पाठ, अखंड रामायण व 108 बार हनुमान चालीसा के पाठ का आयोजन किया जा रहा है. 

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