मोदी-शाह के कानों तक पहुंची यूपी बीजेपी की किचकिच, 15 पन्नों की सीक्रेट रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें
Advertisement
trendingNow12341242

मोदी-शाह के कानों तक पहुंची यूपी बीजेपी की किचकिच, 15 पन्नों की सीक्रेट रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें

UP BJP News: लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश के भीतर बीजेपी का प्रदर्शन निराशाजनक रहा. यूपी बीजेपी के अध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने 15 पन्नों की एक समीक्षा रिपोर्ट पार्टी आलाकमान को सौंपी है.

मोदी-शाह के कानों तक पहुंची यूपी बीजेपी की किचकिच, 15 पन्नों की सीक्रेट रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें

Uttar Pradesh BJP: उत्तर प्रदेश में बीजेपी के हालात ऐसे हैं कि सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव भी चुटकी लेने से नहीं चूक रहे. अखिलेश ने कहा कि 'भाजपा अंदरूनी झगड़ों के दलदल में धंसती जा रही है.' यूपी में बीजेपी के भीतर लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने तक सब कुछ 'ठीक' था. नतीजे आते ही भितरघात शुरू हो गई. 2019 में 62 सीटें जीतने वाली बीजेपी इस बार 33 सीटों पर सिमट गई. हर कोई इस निराशाजनक प्रदर्शन का ठीकरा दूसरे पर फोड़ने लगा.

यूपी बीजेपी का आपसी टकराव इस हद तक बढ़ा कि आलाकमान को दखल देना पड़ा है. पिछले कुछ दिनों में तमाम नेताओं का दिल्ली दौरा हो चुका है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य से लेकर प्रदेशाध्‍यक्ष भूपेंद्र चौधरी भी आकर हाईकमान से मिले. चौधरी ने तो 15 पन्नों की एक 'सीक्रेट' रिपोर्ट भी पार्टी नेतृत्व को सौंपी है. 40 हजार कार्यकर्ताओं से बात करके तैयार की गई इस रिपोर्ट में कथित रूप से बीजेपी की हार के कारण बताए गए हैं.

मोदी-शाह के कानों तक पहुंची बात

यूपी में पार्टी की अंदरूनी किचकिच की खबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कानों तक भी पहुंची. बुधवार को भूपेंद्र चौधरी ने दोनों टॉप नेताओं से मुलाकात की. संगठन में संभावित बदलावों से लेकर राजनीतिक हालात पर चर्चा हुई. इसी दौरान, चौधरी ने सारी कहानी मोदी-शाह को सुना दी. चौधरी एक दिन पहले ही पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिल चुके थे. दिल्ली में मेल-मुलाकातों और बैठकों का यह दौर अभी आगे भी जारी रह सकता है.

यह भी देखें: लखनऊ से दिल्ली तक हलचल, क्या बीजेपी अध्यक्ष बनना चाहते हैं केशव प्रसाद मौर्य?

15 पन्नों की 'सीक्रेट' रिपोर्ट में क्या है?

सूत्रों के अनुसार, चौधरी जो रिपोर्ट लेकर दिल्ली आए, वह मोदी और शाह को भी सौंपी गई है. इस रिपोर्ट में, यूपी के भीतर लोकसभा चुनाव में सीटें घटने के कारण गिनाए गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, रिपोर्ट में उन्ही कारणों का जिक्र है जो लखनऊ की समीक्षा बैठक के दौरान खुलकर सामने आए थे. 15 पन्नों की इस रिपोर्ट में हार की कई वजहें गिनाई गई हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:

  • यूपी के सभी 6 क्षेत्रों- पश्चिमी यूपी, ब्रज, कानपुर-बुंदेलखंड, अवध, गोरखपुर और काशी में बीजेपी के वोट शेयर करीब 8 प्रतिशत की कमी.
  • कार्यकर्ताओं का असंतोष
  • जिला स्तर पर थानों में सुनवाई न होना
  • अग्निवीर योजना के प्रति नाराजगी
  • संविधान का मुद्दा
  • टिकट वितरण में जल्दबाजी
  • मौजूदा प्रत्याशियों का अहंकार
  • विधायकों और सांसदों के बीच एकजुटता न होना

मोदी-शाह की मीटिंग में बना प्लान

शाह ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 7 लोक कल्याण मार्ग स्थित उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की. मुलाकात को लेकर आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया. लेकिन यह माना जा रहा है कि बीजेपी के संगठन में होने वाले बदलाव की रूपरेखा के साथ-साथ कई राज्यों के राजनीतिक हालात को लेकर भी चर्चा हुई. पीएम से मुलाकात करने के बाद शाह ने अपने आवास पर पहुंचकर चौधरी को मिलने के लिए बुला लिया.

केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ पहुंचे

दिल्ली में चल रहे इस राजनीतिक घटनाक्रम के बीच उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य लखनऊ पहुंच गए हैं. मौर्य के एक बयान से यूपी की सियासत में उथल-पुथल मच गई थी. उन्होंने अपने बयान में कहा था कि 'संगठन सरकार से बड़ा है, संगठन से बड़ा कोई नहीं है. हर एक कार्यकर्ता हमारा गौरव है.'

इस बयान के बाद मंगलवार को, नड्डा ने सरकार और संगठन दोनों के प्रतिनिधियों को तलब किया था. यूपी बीजेपी के दो बड़े नेता केशव प्रसाद मौर्य और भूपेंद्र चौधरी को अचानक दिल्ली बुलाए जाने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया.

यह भी पढ़ें: संगठन बड़ा कि सरकार? यूपी में पिछले 100 घंटों में जो हुआ... बीजेपी के लिए ना निगलते बन रहा ना उगलते

योगी ने उपचुनाव पर लिया फीडबैक

यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने आवास पर बैठक की. इस बैठक में कई मंत्री शामिल हुए. चुनाव में सीटवार मंत्रियों को जिम्मेदारी दी गई है. सभी मंत्रियों को प्रभार वाले क्षेत्र में हफ्ते में दो दिन रात्रि विश्राम करना होगा.

मुख्यमंत्री की तरफ से सभी प्रभारी मंत्रियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि हर एक ग्रुप को कार्यकर्ताओं के साथ बात करनी है और सबसे ज्यादा फोकस बूथ को मजबूत करने में करना है. हर सीट पर तीन-तीन मंत्रियों के अलावा संगठन से एक-एक पदाधिकारी की तैनाती की गई है.

इन 10 सीटों पर उपचुनाव

लोकसभा चुनाव में नौ विधायकों के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई कटेहरी, मिल्कीपुर, करहल, फूलपुर, मझवां, गाजियाबाद, मीरापुर, कुंदरकी और खैर सीटों के अलावा कानपुर की सीसामऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव होना है. इनमें से करहल, कुंदरकी, कटेहरी, मिल्कीपुर और सीसामऊ सीट पर सपा काबिज रही है. जबकि, फूलपुर, खैर और गाजियाबाद सीट भाजपा के पास थी. मीरापुर की सीट पर भाजपा की सहयोगी दल रालोद तथा मझवां की सीट पर निषाद पार्टी को जीत मिली थी.

Trending news