Hanuman Chalisa Controversy: हनुमान चालीसा विवाद पर उद्धव ठाकरे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दादागिरी नहीं चलने देंगे
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Hanuman Chalisa Controversy: हनुमान चालीसा विवाद पर उद्धव ठाकरे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दादागिरी नहीं चलने देंगे

Uddhav Thackeray on Hanuman Chalisa Controversy: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने हनुमान चालीसा विवाद पर पहली बार चुप्पी तोड़ी है और कहा है कि किसी को मातोश्री आना है तो अच्छी तरह से आओ, लेकिन दादागीरी नहीं चलेगी.

Hanuman Chalisa Controversy: हनुमान चालीसा विवाद पर उद्धव ठाकरे ने तोड़ी चुप्पी, कहा- दादागिरी नहीं चलने देंगे

Uddhav Thackeray on Hanuman Chalisa Controversy: महाराष्ट्र में जारी सियासी घमासान के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पहली बार हनुमान चालीसा विवाद पर चुप्पी तोड़ी है और हनुमान चालीसा पढ़ने को लेकर पहला बयान दिया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि कोई भी शिवसेना को हिंदुत्व का पाठ ना पढ़ाए. उन्होंने कहा कि उनको घंटा बजाने वाले हिंदू नहीं चाहिए, क्योंकि वो खुद गदाधारी हिंदू हैं.

दादागिरी नहीं चलने देंगे: उद्धव ठाकरे

मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा कि किसी को मातोश्री आना है तो अच्छी तरह से आओ, लेकिन दादागीरी नहीं चलेगी. अगर ऐसा करेंगे तो बाला साहब ने सिखाया है कि दादागीरी कैसे तोड़नी है. सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम मुंबई के लिए काम करते हैं, मुंबई जो टैक्स देती है. हम विकास करते हैं. हमारे और राष्ट्रवादी राजवट में यही फर्क है.

जल्द ही एक रैली करूंगा: उद्धव ठाकरे

उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने कहा, 'मै जल्द ही एक रैली करूंगा और सारी बातें मैं सभा में ही बताऊंगा. ये नकली हिंदुत्ववादी आए है और इनके बीच स्पर्धा चल रही है कि इसकी कमीज मुझसे ज्यादा भगवी कैसे है? कुछ लोगों के पेट मे एसिडिटी हो गई है. उन्हें कोई काम नहीं है. बिना काम के भोंगे बजाना ही उनका काम है. मैं उन्हें अहमियत नहीं देता.'

राणा दंपत्ति ने की थी हनुमान चालीसा पढ़ने की घोषणा

बता दें कि अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री' के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने की बात कही थी, जिससे शिवसेना के कार्यकर्ता बेहद आक्रोशित हो गए थे और उन्होंने राणा के आवास के आगे विरोध प्रदर्शन किया था.

मुंबई पुलिस ने राणा दंपत्ति के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है और बाद में उसमें राजद्रोह का आरोप भी जोड़ दिया. इसके बाद दोनों को गिरफ्तार किया गया. रविवार को मुंबई की एक अदालत ने राणा दंपति को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद रविवार देर रात अमरावती से सांसद नवनीत राणा को भायखला महिला कारावास ले जाया गया, जबकि उनके पति रवि राणा को पहले ऑर्थर रोड जेल ले जाया गया, लेकिन वहां जगह नहीं होने के कारण उन्हें नवी मुंबई की तलोजा जेल ले जाया गया.

नवनीत राणा की याचिका खारिज

महाराष्ट्र के अमरावती से निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति को बॉम्बे हाई कोर्ट से झटका लगा है. नवनीत राणा ने बॉम्बे हाइ कोर्ट में अर्जी दे कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट ने राणा दंपत्ति की याचिका खारिज कर दी और कहा कि सार्वजनिक जीवन जीने वाले लोगों से जिम्मेदाराना रवैए की उम्मीद की जाती है.

सर्वदलीय बैठक में BJP शामिल नहीं हुई

महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर को लेकर चल रहे विवाद के बीच सरकार ने आज (25 अप्रैल) सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. बैठक में बीजेपी को छोड़कर सभी दलों ने भाग लिया. इस बैठक में बीजेपी की तरफ से पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस और चंद्रकांत पाटिल को शामिल होना था. बैठक के बाद महाराष्ट्र सरकार के आदित्य ठाकरे ने कहा कि ये मंदिर-मस्जिद का मामला नहीं, बल्कि लाउडस्पीकर का विषय है. हम किसी एक पक्ष के लिए नियम नहीं बना सकते हैं. हम इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे और साथ ही राज्य में सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा.

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