जख्म, दर्द और आंसू अब और नहीं...असम के बाद अब नगालैंड में शांति का 'मोदी प्लान'
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जख्म, दर्द और आंसू अब और नहीं...असम के बाद अब नगालैंड में शांति का 'मोदी प्लान'

Naga Groups Peace Talk: तीन नगा समूह शनिवार को एकजुट हुए और दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र के साथ संयुक्त रूप से बातचीत करने का फैसला किया.

जख्म, दर्द और आंसू अब और नहीं...असम के बाद अब नगालैंड में शांति का 'मोदी प्लान'

Naga Groups Peace Talk: तीन नगा समूह शनिवार को एकजुट हुए और दशकों पुराने नगा राजनीतिक मुद्दे के समाधान के लिए केंद्र के साथ संयुक्त रूप से बातचीत करने का फैसला किया. यह निर्णय एक बैठक के दौरान लिया गया जिसमें तीन समूहों - अकाटो चोफी के नेतृत्व वाले नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (एनएससीएन), खांगो के नेतृत्व वाले एनएससीएन और जेड रॉयिम के नेतृत्व वाले नगा नेशनल काउंसिल (एनएनसी) के नेताओं ने भाग लिया.

नगा मुद्दे पर संयुक्त प्रयास..

ये तीनों विभाजित समूह हैं. अन्य दो समूहों के नेताओं की उपस्थिति में यहां बैठक के बाद पत्रकारों को संबोधित करते हुए अकाटो ने कहा, ‘तीन समूह 2024 में एक संयुक्त राजनीतिक प्रयास के लिए एक साथ आए हैं.’ यह पूछे जाने पर कि क्या वे बातचीत करने के अपने फैसले के साथ पहले ही केंद्र से संपर्क कर चुके हैं, उन्होंने कहा, ‘हमने पहले भी अलग-अलग पहल की है, लेकिन अब हम नगा मुद्दे पर एक संयुक्त प्रयास करेंगे.’ 

नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स की पहल

अकाटो ने यह भी स्पष्ट किया कि वे केंद्र के साथ नागा नेशनल पॉलिटिकल ग्रुप्स (डब्ल्यूसी-एनएनपीजी) की कार्य समिति द्वारा की जा रही बातचीत से अलग बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि एनएनपीजी केवल सात समूहों से बना है जबकि अन्य नगा समूहों को छोड़ दिया गया है. उन्होंने घोषणा की कि तीनों समूह नगा समुदाय के हित के लिए समान विचारधारा वाले संगठनों का उनके साथ जुड़ने का स्वागत करते हैं.

असम में भी शांति समझौता

बता दें कि एक ऐसा ही समझौता असम में भी हुआ है. यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (उल्फा) के वार्ता समर्थक गुट ने केंद्र के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया. असम के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने उल्फा के वार्ता समर्थक गुट के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर को मील का पत्थर करार दिया है. सीएम हिमंत शर्मा ने कहा कि शांतिपूर्ण, समृद्ध और विकसित पूर्वोत्तर हर भारतीय का सपना है और यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अथक प्रयासों से पूरा हो रहा है. उल्फा के साथ समझौते पर हस्ताक्षर से न केवल असम बल्कि पूरे क्षेत्र का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित होगा.

उल्फा ने शांति समझौते पर किया हस्ताक्षर

उल्फा के वार्ता समर्थक गुट ने हिंसा छोड़ने, संगठन को भंग करने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में शामिल होने पर सहमति व्यक्त करते हुए शुक्रवार को केंद्र और असम सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये थे.

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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