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लखनऊ: पूर्व कैबिनेट मंत्री और सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) अपने विवादित बयान को लेकर एक बार फिर से चर्चा में हैं. स्वामी प्रसाद मौर्य यूपी (UP) के फाजिलनगर (Fazilnagar) सीट से चुनाव हार गए हैं. उन्होंने अपने बयान के बारे में बात करते हुए खुद को नेवला बता दिया.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ये पूछे जाने पर कि उन्होंने खुद को नेवला और विरोधियों को सांप बताया था, इसपर उन्होंने कहा, 'हां मैं अगर चुनाव जीता होता तो आज मेरा बयान लागू हो गया होता. नहीं जीत पाया हूं इसलिए जो भी मैंने बयान दिया था उसपर सवाल तो खड़ा ही होगा. हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है. ये बात अलग है कि नाग और सांप दोनों ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया.'
#WATCH हमेशा बड़ा तो नेवला ही होता है। यह बात अलग है कि नाग और सांप दोनों ने मिलकर नेवले को जीतने नहीं दिया: अपने पुराने बयान पर बोलते हुए समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य, लखनऊ, उत्तर प्रदेश pic.twitter.com/Y0IYCnRBSV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 11, 2022
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने सपा के टिकट पर फाजिलनगर से चुनाव लड़ा. उन्हें बीजेपी उम्मीदवार सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने 45,014 वोटों के अंतर से करारी शिकस्त दी. जहां सुरेंद्र कुमार कुशवाहा को 1,16,029 वोट मिले तो वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य ने 71,015 वोट हासिल किए.
उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव से ठीक पहले सपा में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी हार स्वीकार करते हुए कहा कि मैं चुनाव हारा हूं, हिम्मत नहीं. हमने जिन मुद्दों को उठाया वो अब भी मौजूद हैं. मैं आगे भी जनता के मुद्दे उठाता रहूंगा. हम जनता के फैसले का सम्मान करते हैं और जनादेश को स्वीकार करते हैं.
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योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने सियासी रणनीति के तहत चुनाव से ठीक पहले न सिर्फ पार्टी बदली, बल्कि अपनी परंपरागत सीट पडरौना छोड़कर फाजिलनगर से चुनाव मैदान में उतरे. यहां उन्हें बीजेपी के प्रत्याशी सुरेंद्र कुमार कुशवाहा ने हराया. स्वामी प्रसाद मौर्य की हार में सपा के पूर्व जिलाध्यक्ष इलियास अंसारी का बागी होना मुख्य वजह माना जा रहा है.
स्वामी प्रसाद मौर्य ने चुनाव से ठीक पहले मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए बीजेपी छोड़ दी थी. उन्होंने आरोप लगाया था कि पार्टी में दलितों, पिछड़ों के हितों की अनदेखी की गई.
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