Supreme Court order on Odd Even Scheme: सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में बढ़ रहे प्रदूषण पर कड़ी नाराजगी जताई है. दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कोर्ट ने कहा कि ऑड-ईवन स्कीम से हमारा लेना-देना नहीं है. इसलिए इस मामले में हम पर बोझ न डालें.
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Supreme Court order on Odd Even Scheme of Delhi Government: दिल्ली-एनसीआर में पसरे वायु प्रदूषण से आम लोग नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट का मूड भी उखड़ा हुआ है. शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की जमकर खिंचाई की और उसे हालात पर काबू पाने का आदेश दिया. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि वह खुद काम नहीं करे और अदालत पर बोझ डाल दे, इस प्रकार की कोशिश नहीं होनी चाहिए. अदालत ने साथ ही क्लियर किया कि दिल्ली में ‘ऑड-ईवन’ योजना दोबारा लागू करने का फैसला राज्य सरकार को करना है और न्यायालय इस पर कोई निर्देश जारी नहीं करेगा.
'ऑड-ईवन स्कीम से लेना-देना नहीं'
जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऑड-ईवन स्कीम (Odd Even Scheme of Delhi Government) से सुप्रीम कोर्ट का कोई लेना-देना नहीं है और हमने कभी नहीं कहा कि पड़ोसी राज्यों से दिल्ली में प्रवेश करने वाली टैक्सियों पर भी इसे लागू किया जाना चाहिए. कोर्ट ने यह टिप्पणी दिल्ली सरकार की उस घोषणा के जवाब में कही, जिसमें गवर्नमेंट ने ऐलान किया कि वह दिवाली के अगले दिन यानी 13 नवंबर से 20 नवंबर तक दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम लागू करेगी.
'अदालत पर बोझ न डालें'
शुक्रवार को मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस न्यायमूर्ति कौल (Supreme Court) ने कहा, ‘मैं आपसे सहमत हूं. हमने कभी यह नहीं कहा. काम नहीं करने और अदालत पर बोझ डालने की कोशिश ना करें. यही हो रहा है.’ पीठ ने कहा, ‘...न्याय मित्र ने कहा है कि ऑड-ईवन स्कीम (Odd Even Scheme of Delhi Government) से फायदा नहीं हो रहा. इससे मदद नहीं मिली है. लेकिन आपने अब कहा है कि हम इसे लागू करेंगे और यह टैक्सियों पर भी लागू होगा. क्या हमने आपसे टैक्सियों पर सम-विषम लागू करने को कहा है? हमने आपसे इसे लागू करने को नहीं कहा है.’
'ऑड-ईवन से मिलेगी मदद'
दिल्ली सरकार के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी कि ऑड-ईवन स्कीम (Odd Even Scheme of Delhi Government) प्रदूषण घटाने में ज्यादा कारगर नहीं रही है, लेकिन यदि थोड़ा भी प्रभावशाली है तो यह मायने रखती है. उन्होंने कहा कि प्रदूषण के बड़े कारणों में सड़कों पर अत्यधिक वाहनों का होना भी शामिल है. दिल्ली में ऑड-ईवन स्कीम लागू होने से इसे घटाने में मदद मिलेगी.
'आपको जो करना है, वो कीजिए'
इस पर खंडपीठ (Supreme Court) ने वकील से कहा, ‘आपको जो करना है, आप करें. हम यहां आपको यह कहने के लिए नहीं बैठे हैं कि आपको क्या करना है.’ कोर्ट ने कहा, ‘आपको कल फैसला लेना होगा वरना, आप कहेंगे कि हमने आपको (ऑड-ईवन योजना) जारी रखने को कहा है या जारी नहीं रखने को कहा है, जिसकी वजह से दिल्ली में प्रदूषण पर काबू नहीं पाया जा सका.’
'प्रार्थना के सिवाय है ही क्या'
दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि प्रदेश सरकार पूरी गंभीरता से स्थिति के समाधान के लिए तत्पर है और स्थिति सचमुच में खराब है. जस्टिस कौल ने कहा, ‘ हल्के फुल्के ढंग से कहा जाए तो आबादी के पास प्रार्थना करने के सिवाय करने को रह ही क्या जाता है.’ उन्होंने कहा कि कभी-कभी बारिश होगी और उससे मदद मिलेगी. वह दिल्ली और एनसीआर में बीच बीच में हुई हल्की बारिश का हवाला दे रहे थे, जिससे शुक्रवार को वायु प्रदूषण में कमी आई.
पहली बार कब लागू हुई थी स्कीम?
बता दें कि दिल्ली सरकार ने पहली बार वर्ष 2016 में ऑड-ईवन(Odd Even Scheme of Delhi Government) योजना लागू की थी. इसके तहत राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक-एक दिन के अंतराल पर ऑड और ईवन नंबर वाली कारों को चलाने की अनुमति दी जाती है. दिल्ली सरकार का दावा है कि इस स्कीम से शहर में भीड़भाड़ और प्रदूषण में कमी आई थी.
(एजेंसी भाषा)