असम NRC मसौदे से बाहर हुए लोग भी चुनावों में डाल सकते हैं वोट : चुनाव आयोग
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असम NRC मसौदे से बाहर हुए लोग भी चुनावों में डाल सकते हैं वोट : चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों के पास वोटर कार्ड हैं, भले ही उनका नाम एनआरसी में शामिल नहीं हैं, वे वोट डाल सकते हैं.

NRC के पहले मसौदे में असम के करीब 40 लाख लोगों ने नाम शामिल नहीं किए गए हैं (फोटो- Reuters)

नई दिल्ली : असम में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) मसौदे से 40 लाख लोगों के नाम हटाए जाने के मुद्दे पर देश की राजनीति में भूचाल आया हुआ है. इस मसौदे में ऐसे लोगों नाम भी शामिल नहीं किए गए जिनके पास पासपोर्ट, वोटर कार्ड और आधार कार्ड हैं. हालांकि सरकार यह साफ कर चुकी है कि जिन लोगों के नाम रजिस्टर में शामिल नहीं हैं वे दो महीने के अंदर आपत्ति दर्ज कराकर जरूरी दस्तावेज जमा करके अपना नाम शामिल करवा सकते हैं. अब चुनाव आयोग ने भी साफ कर दिया है कि जिन लोगों के पास वोटर कार्ड हैं, भले ही उनका नाम एनआरसी में शामिल नहीं हैं, वे वोट डाल सकते हैं.

निर्वाचन आयोग ने बुधवार को साफ कर दिया कि असम में एनआरसी से बाहर के लोग अगर चुनावी कानूनों के तहत पात्र हैं, और अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यदि एनआरसी को अंतिम रूप नहीं भी दिया जाता है, तो वे वोट डाल सकते हैं. उन्होंने कहा कि एनआरसी में नाम शामिल होने का मतलब ये नहीं है कि लोगों का नाम वोटरलिस्ट से हट गया है. 

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ओपी रावत ने मीडिया से कहा, "क्यों नहीं. मान लीजिए कि मेरा नाम एनआरसी में नहीं है, लेकिन अगर मैं जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मानदंड पूरा करता हूं तो इसका मतलब है कि मैं भारतीय नागरिक हूं. इसमें 18 साल की आयु और सामान्य तौर पर इलाके का निवासी होना है तो मैं मतदाता बन सकता हूं."

रावत ने कहा कि चुनाव आयोग (ईसी) का मतदाता नामांकन कार्य एनआरसी से अलग है. अंतिम रूप से मतदाता सूची चार जनवरी, 2019 को प्रकाशित की जाएगी, जो आम चुनाव के लिए इस्तेमाल की जाएगी.

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उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग अपने उद्देश्य 'कोई मतदाता पीछे नहीं छूटे' के साथ असम में मुख्य निर्वाचन अधिकारी से राज्य एनआरसी समन्वयक के साथ निकटता से समन्वय स्थापित करने के लिए कहा है, ताकि सभी पात्र लोगों को मतदाता सूची में शामिल किया जा सके.

उन्होंने कहा कि यह एनआरसी मसौदा है और अगले एक महीने में सभी 40 लाख लोगों को उन्हें मसौदे से बाहर रखने के कारणों की वजह बताई जाएगी. रावत इस तरह की आशंकाओं पर बोल रहे थे कि जो एनआरसी से बाहर रखे गए हैं, वे मतदान नहीं कर पाएंगे.

(इनपुट आईएएनएस से)

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