Shraddha Murder Case में आरोपी आफताब पूनावाला की पुलिस रिमांड बढ़ी, वकीलों ने की फांसी देने की मांग
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Shraddha Murder Case में आरोपी आफताब पूनावाला की पुलिस रिमांड बढ़ी, वकीलों ने की फांसी देने की मांग

Aaftab Poonawala ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर (27) की गत 18 मई की शाम को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए. आफताब दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में है.

Shraddha Murder Case में आरोपी आफताब पूनावाला की पुलिस रिमांड बढ़ी, वकीलों ने की फांसी देने की मांग

Aaftab Poonawala: श्रद्धा हत्याकांड मामले के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला की आज (गुरुवार) दिल्ली की साकेत कोर्ट में पेशी हुई. आफताब अमीन पूनावाला को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए पेश किया किया गया. आफताब की पेशी पुलिस रिमांड बढ़ाने को लेकर थी, जिसे अदालत ने स्वीकार कर लिया. साकेत कोर्ट ने आफताब को 5 दिन की पुलिस रिमांड में भेज दिया है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने 10 दिन की रिमांड मांग थी. दिल्ली पुलिस की नार्को टेस्ट कराने की एप्लीकेशन पर भी कोर्ट में सुनवाई हुई. आफताब ने नार्को टेस्ट के लिए हामी भर दी है. 

आफताब की पेशी से पहले साकेत कोर्ट में वकीलों ने प्रदर्शन किया और श्रद्धा के हत्यारे को फांसी देने की मांग की. मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अविरल शुक्ला ने कहा कि पुलिस द्वारा प्रस्तुत आवेदन के अनुसार, आरोपी को उपद्रवियों और धार्मिक समूहों से धमकी का सामना करना पड़ रहा है.

इससे पहले न्यायाधीश ने आवेदन को स्वीकार करते हुए कहा, मुझे मामले की संवेदनशीलता और मीडिया कवरेज के बारे में जानकारी है, मुझे यह भी पता है कि लोग इस मामले पर ध्यान लगाये हुए हैं. पुलिस के अनुसार, पूनावाला ने अपनी ‘लिव-इन पार्टनर’ श्रद्धा वालकर (27) की गत 18 मई की शाम को कथित तौर पर गला घोंट कर हत्या कर दी थी और उसके शव के 35 टुकड़े कर दिए, जिन्हें उसने दक्षिण दिल्ली के महरौली में अपने आवास पर लगभग तीन सप्ताह तक 300 लीटर के फ्रिज में रखा तथा कई दिनों तक विभिन्न हिस्सों में फेंकता रहा.

लड़ाई के बाद आफताब ने की हत्या!

पुलिस ने कहा कि दोनों के बीच वित्तीय मामलों को लेकर अक्सर लड़ाई होती थी और आशंका है कि 18 मई की शाम दोनों के बीच कहासुनी हुई होगी, जिसके बाद पूनावाला ने श्रद्धा (27) की हत्या कर दी. जांचकर्ताओं के अनुसार, पूनावाला अपने बयान बदल रहा है और जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, लिहाजा ‘नार्को टेस्ट’ की जरूरत है. शव के अब तक बरामद 13 हिस्सों के डीएनए विश्लेषण के लिए वालकर के पिता के रक्त के नमूने भी एकत्र किए गए हैं.

पुलिस ने कहा कि वालकर का सिर, फोन और अपराध में इस्तेमाल हथियार अब तक बरामद नहीं हुआ है. आशंका है कि पूनावाला ने उसे पहले भी मारने की कोशिश की थी और इसकी जांच की जा रही है. पुलिस अधिकारियों ने यह भी कहा कि पूछताछ के दौरान उसमें पश्चाताप के कोई संकेत नहीं दिखे. 

पुलिस ने कहा कि जांच के दौरान, पूनावाला और वालकर के तनावपूर्ण संबंधों के बारे में अधिक जानकारी सामने आई है. दोस्तों और परिवार ने आरोप लगाया है कि महिला उससे नाखुश थी और वित्तीय मामलों व बेवफाई के संदेह को लेकर उनके बीच अक्सर झगड़े होते थे. पुलिस ने यह भी पाया कि 22 मई के बाद, 54,000 रुपये वालकर के बैंक खाते से पूनावाला को हस्तांतरित किए गए थे और जांचकर्ता दोनों के बीच सोशल मीडिया पर हुई बातचीत की भी जांच कर रहे हैं.

पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि वालकर पूनावाला पर मुंबई वाले घर से अपना सारा सामान लाने के लिए जोर डाल रही थी, लेकिन दोनों के पास मुंबई वापस जाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे. इससे उनके बीच और तनाव पैदा हो गया.  अधिकारी ने कहा, पुलिस छतरपुर इलाके में एक सीसीटीवी कैमरे से कुछ फुटेज बरामद करने में कामयाब रही है. फुटेज में संदिग्ध की हरकतें दिख रही हैं, लेकिन स्पष्ट नहीं हैं. दृश्यों को आपस में जोड़ने और पूनावाला द्वारा इस्तेमाल किए गए रास्ते का पता लगाने के लिए सीसीटीवी मैपिंग का इस्तेमाल किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि मई से अब तक के सभी सीसीटीवी फुटेज का पता लगाना और उसे हासिल करना मुश्किल होगा क्योंकि ज्यादातर सिस्टम में स्टोरेज क्षमता नहीं है. पुलिस ने कहा कि जहां तक सबूतों का सवाल है तो कुछ हड्डियां और एक बैग बरामद किया गया है, जिसके बारे में माना जा रहा है कि यह वालकर के हैं. बैग में कपड़े व अन्य सामान है.

इस बीच, एक अधिकारी ने बुधवार को जानकारी दी कि दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद महाराष्ट्र के पालघर जिले के वसई की पुलिस से संपर्क नहीं किया है. दिल्ली स्थानांतरित होने से पहले वालकर वसई के पास रहती थी. मीरा-भाईंदर वसई विरार (एमबीवीवी) पुलिस के अधिकारी ने कहा कि पूनावाला को पिछले शनिवार को गिरफ्तार किए जाने के बाद उनके और दिल्ली पुलिस के बीच कोई संवाद नहीं हुआ.

अधिकारी ने कहा, वसई से मानिकपुर थाने की एक टीम आठ से 12 नवंबर के बीच दिल्ली में मौजूद थी और उसने महरौली पुलिस के साथ समन्वय किया. हमने उन्हें गुमशुदगी की शिकायत सहित सभी विवरण प्रदान किए. हालांकि, मामले का खुलासा होने और आरोपी को गिरफ्तार किए जाने के बाद कोई संपर्क नहीं हुआ है.

( एजेंसी के इनपुट के साथ)

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