भारत इतना कमजोर नहीं कि महज एक प्रदर्शन से शांति भंग हो जाए, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा
Advertisement
trendingNow12542534

भारत इतना कमजोर नहीं कि महज एक प्रदर्शन से शांति भंग हो जाए, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

Delhi High Court News: दिल्ली हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा, 'देश की सद्भावना इतनी कमजोर नहीं है. आम आदमी इतना कमजोर नहीं है कि महज एक प्रदर्शन से उसका विश्वास डगमगा जाए.'

भारत इतना कमजोर नहीं कि महज एक प्रदर्शन से शांति भंग हो जाए, दिल्ली हाई कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा

Delhi High Court: दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को विभिन्न वर्गों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के कथित मामले में कार्यकर्ता नदीम खान को छह दिसंबर तक गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया. अदालत ने सुनवाई के दौरान कहा कि देश की सद्भावना इतनी कमजोर नहीं है कि नारेबाजी या प्रदर्शन से शांति भंग हो जाए. जस्टिस जसमीत सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि राष्ट्र की सद्भावना 'कमजोर' नहीं है और आम आदमी की बुद्धिमत्ता पर'विश्वास' किया जाना चाहिए.

आम आदमी पर भरोसा रखें: HC

जस्टिस सिंह ने कहा, 'हम एक लोकतांत्रिक देश में हैं. देश की सद्भावना इतनी कमजोर नहीं है. आम आदमी इतना कमजोर नहीं है कि महज एक प्रदर्शन से उसका विश्वास डगमगा जाए.' जज ने कहा, 'देश को अपने मौलिक अधिकारों पर बहुत गर्व है. अनुच्छेद 19(1)(ए) की रक्षा की जानी चाहिए. अगर आपको लगता है कि इससे आम आदमी भड़क जाएगा, तो आम आदमी के पास यह पहचानने के लिए समझ (आईक्यू) नहीं है कि उसके लिए क्या सही है... कृपया आम आदमी पर थोड़ा भरोसा रखें.'

देश के भीतर जंग छेड़ना चाहता है खान: पुलिस

खान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल पेश हुए. उन्होंने दलील दी कि प्राथमिकी दुर्भावनापूर्ण है. उन्होंने कहा कि प्राथमिकी में किसी संज्ञेय अपराध के बारे में जानकारी नहीं दी गई है और यह बिना किसी आधार के केवल अनुमान पर आधारित है.

पुलिस के वकील ने आरोप लगाया कि याचिकाकर्ता 'देश के अंदर युद्ध छेड़ने की कोशिश कर रहा है' और अगर वह गिरफ्तारी से सुरक्षा चाहता है तो उसे अग्रिम जमानत याचिका दायर करनी चाहिए थी.

यह भी पढ़ें: SC के सामने ऐसा क्या मामला आया, सीजेआई खन्ना को कहना पड़ा- मैं सुनवाई नहीं कर सकता

इसके बाद, जज ने 30 नवंबर को दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग वाली खान की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और उनसे जांच में शामिल होने तथा जांच अधिकारी की अनुमति के बिना राष्ट्रीय राजधानी नहीं छोड़ने को कहा.

दिल्ली हाई कोर्ट ने आदेश में क्या कहा

अदालत ने आदेश दिया, 'प्राथमिकी शिकायतकर्ता की राय पर आधारित है. राय का आधार बनने वाली सामग्री मेरे सामने नहीं रखी गई है और इसे प्रतिवादी द्वारा दायर किए जाने वाले जवाब और आज तक एकत्र की गई सामग्री के साथ रखा जाएगा. उक्त कारण से और सुनवाई की अगली तारीख तक याचिकाकर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा.'

यह भी पढ़ें: कुत्तों और बंदरों का आतंक है, अस्पताल जाकर देखिए... दिल्ली HC की अधिकारियों को फटकार

अदालत ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख छह दिसंबर तय की है. पुलिस ने खान के खिलाफ एक 'वायरल वीडियो' को लेकर प्राथमिकी दर्ज की, जो कथित तौर पर दुश्मनी पैदा कर रहा था और कभी भी हिंसा का कारण बन सकता था. (भाषा)

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news