Sharad Pawar: मोदी-शाह के धुर विरोधी शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई? दिग्‍गज नेता ने ली 'चुटकी'
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Sharad Pawar: मोदी-शाह के धुर विरोधी शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई? दिग्‍गज नेता ने ली 'चुटकी'

Sharad Pawar Z Security: शरद पवार ने कहा कि ‘जेड प्लस’ सुरक्षा ‘‘ प्रामाणिक जानकारी’’ हासिल करने का जरिया हो सकती है.

Sharad Pawar: मोदी-शाह के धुर विरोधी शरद पवार को जेड प्‍लस क्‍यों दी गई? दिग्‍गज नेता ने ली 'चुटकी'

Maharashtra Politics: महाराष्‍ट्र में अगले चंद महीने में चुनाव होने जा रहे हैं और सब जानते हैं कि पूरे महाराष्‍ट्र की सियासत का सबसे बड़ा चाणक्‍य कौन है. जी हां, शरद पवार की बात हो रही है. 2019 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के गठन से लेकर उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी तक पहुंचाने वाले एनसीपी के संस्‍थापक शरद पवार की गिनती देश के दिग्‍गज नेताओं में होती है. हालांकि बाद में बीजेपी ने बदला लिया. महाराष्‍ट्र की सियासत तब से अब तक 360 डिग्री का टर्न ले चुकी है. इन 5 वर्षों में बहुत कुछ बदला और अब फिर महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़ा है. 

भले ही चाहे जो कुछ भी बदला लेकिन शरद पवार सियासत में चट्टान की तरह अडिग खड़े हैं. भतीजे अजित पवार ने एनसीपी तोड़कर अपना हक जमा लिया. लोकसभा चुनाव में शरद पवार की विरासत को हासिल करने की गरज से पत्‍नी सुनेत्रा पवार को बारामती से खड़ा कर दिया. बारामती, शरद पवार का गढ़ है. वर्षों वो वहां से लड़ते और जीतते रहे हैं. अब उनकी बेटी सुप्रिया सुले वहां से लड़ती हैं. लिहाजा उनको ही उनका सियासी उत्‍तराधिकारी माना जाता है लेकिन अजित के दांव से माहौल गर्माया लेकिन जब नतीजे आए तो जनता ने शरद पवार का ही हाथ थामा. लोकसभा चुनाव के लिहाज से देखें तो शरद पवार ने महायुति से बदला लेते हुए बारामती समेत महाराष्‍ट्र की 9 सीटें अपने दम जीत लीं जोकि इससे पहले वो कभी नहीं कर सके. 

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सुरक्षा का सवाल
इस उठापटक के बीच बीते बुधवार अचानक खबर आई कि केंद्र सरकार ने शरद पवार को जेड प्‍लस सिक्‍योरिटी देने का फैसला ले लिया है. यह अतिविशिष्ट व्यक्ति (वीआईपी) को दी जाने वाली सर्वोच्च श्रेणी की सुरक्षा है. इस खबर ने सबको चौंकाया. जाहिर है कि ये सवाल बनता था कि महाराष्‍ट्र विधानसभा चुनाव के ऐन पहले केंद्र ने ऐसा फैसला क्‍यों किया? इसका जवाब अब खुद शरद पवार ने दिया है. उन्‍होंने कहा कि उन्हें दी गई ‘जेड प्लस’ सुरक्षा उनके बारे में ‘‘प्रामाणिक जानकारी’’ हासिल करने का जरिया हो सकती है.

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राजनेता (83) ने उनकी सुरक्षा बढ़ाने के बारे में पूछने पर नवी मुंबई में पत्रकारों से कहा कि उन्हें इस कदम के पीछे के मकसद की जानकारी नहीं है. पवार ने कहा, ‘‘गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने मुझे बताया कि सरकार ने तीन लोगों को ‘जेड प्लस’ सुरक्षा देने का फैसला किया है और मैं उनमें से एक हूं... अन्य दो लोग राष्ट्रीय स्वयं सेवक (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हैं.’’

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘‘ चुनाव नजदीक आ रहे हैं, इसलिए यह मेरे बारे में प्रामाणिक जानकारी हासिल करने का जरिया हो सकता है.’’ यानी इशारों में उन्‍होंने ये संकेत दिया कि उनके हर मूवमेंट की अब जानकारी रहेगी.

पवार की ‘जेड प्लस’ सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 55 सशस्त्र कर्मियों के एक टीम को नियुक्त किया गया है. वीआईपी सुरक्षा का वर्गीकरण ‘जेड प्लस’ (सर्वोच्च) से शुरू होता है, उसके बाद ‘जेड’, ‘वाई प्लस’, ‘वाई’ और ‘एक्स’ आते हैं. 

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