भारतीय जेलों में ‌कितने बंद हैं पाकिस्तानी? किसने रिहाई को लेकर दायर की गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका, जज ने क्या सुनाया फैसला
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भारतीय जेलों में ‌कितने बंद हैं पाकिस्तानी? किसने रिहाई को लेकर दायर की गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका, जज ने क्या सुनाया फैसला

SC declines Related Pakistani prisoners from Indian jails: देशभर की अलग-अलग जेलों में पाकिस्तान के कई कैदी बंद हैं. जो कई सालों से अपनी सजा काट रहे हैं, कई कैदियों का केस कोर्ट में चल रहा है तो कई कैदियों को सजा सुनाई जा चुकी है. इन्हीं कैदियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है. जानें किस आधार पर याचिका हुई खारिज, क्या सुनाया गया फैसला.

भारतीय जेलों में ‌कितने बंद हैं पाकिस्तानी? किसने रिहाई को लेकर दायर की गई सुप्रीम कोर्ट में याचिका, जज ने क्या सुनाया फैसला

Pakistani prisoners in india: देश की विभिन्न जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट में दायर इस याचिका में अपनी सजा पूरी कर चुके 103 पाकिस्तानी कैदियों की रिहाई के लिए भारत सरकार को निर्देश देने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मसले पर एक याचिका 2005 से ही पेंडिंग है. कोर्ट पहले से उसपर सुनवाई कर रहा है, ऐसे में कोर्ट इस नई अर्जी पर सुनवाई करने का इच्छुक नहीं है.

किसने दायर की है याचिका
पंजाब के फगवाड़ा के वकील नितिन मिट्टू की ओर से दायर याचिका में कहा गया था विदेश मंत्रालय के पिछले साल उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के मुताबिक भारतीय जेलों में बंद 337 पाकिस्तानी कैदियों में से 103 कैदी ऐसे है, जिनकी सज़ा पूरी हो चुकी है या वो बरी हो चुके है लेकिन अभी भी वो भारतीय जेलों में बंद है. याचिका में इन पाकिस्तानी कैदियों को वापस उनके देश भेजे जाने की मांग की गई है.

वकील नितिन मिट्टू ने कहा- राज्य के खजाने का हो रहा नुकसान
नितिन मिट्टू की ने कहा कि याचिका दायर करने के पीछे उनका इरादा यह सुनिश्चित करना है कि भारत की जेलों में अवैध रूप से बंद किसी भी कैदी को तत्काल प्रभाव से रिहा किया जाए. इसमें कहा गया है, "जेलों में बंद कैदियों ने अपनी सजा पूरी कर ली है, लेकिन वे अभी भी जेल में बंद हैं, जिसके कारण उन राज्यों के सरकारी खजाने को सीधा नुकसान हो रहा है, इसलिए, सरकारी खजाने को होने वाला नुकसान आम जनता के लिए सीधा नुकसान है. इसके अलावा, कैदियों को उनके देश नहीं छोड़ना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 ए के अनुसार उनके साथ अन्याय है."

याचिका में क्या थी मांग
याचिका में कहा गया है कि 26 मार्च 2024 को एक आरटीआई आवेदन दायर किया गया था, जिसमें याचिकाकर्ता ने भारत की जेलों में बंद पाकिस्तानी कैदियों की सूची के बारे में जानकारी मांगी थी. फिर चाहे वो विचाराधीन हों या फिर जिनकी सचा पूरी हो गई हो लेकिन वो अभी भी जेल में बंद हैं. याचिकाकर्ता ने कहा कि लोक सूचना अधिकारी ने उनके आरटीआई आवेदन का जवाब दिया है. सूचना के मुताबिक भारतीय जेलों में बंद 337 लोगों में से 103 पाकिस्तानी नागरिक अपनी सजा पूरी कर चुके हैं. याचिकाकर्ता ने सजा पूरी कर चुके कैदियों की तत्काल रिहाई के लिए अनुरोध किया, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई.

 

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