संभल में रहस्यमयी विशाल कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी इमारत 1200 साल बाद भी रहस्य बनी हुई है. लोगों का मानना है कि इस रहस्यमयी कुएं के अंदर अकूत खजाना छिपा है और इसका राज कुएं के पास बनी तोता मैना कब्र पर लिखी अबूझ आयतो में छिपा है, लेकिन इसको कोई आजतक पढ़ने में कामयाब नहीं हुआ.
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उत्तर प्रदेश के संभल को ऐतिहासिक और पौराणिक शहर माना जाता है. स्कंद पुराण में संभल का उल्लेख भी मिलता है. संभल में आज भी तमाम प्राचीन ऐतिहासिक अवशेष और इमारतें मौजूद हैं, जो संभल के ऐतिहासिक और पौराणिक होने की पुष्टि करती हैं. ऐतिहासिक और पौराणिक शहर संभल अपने आप में बहुत सी रहस्यमयी कहानियां भी समेटे हुए है. संभल शहर से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर बीहड़ जंगल में बने लगभग 12 सौ साल से अधिक प्राचीन विशाल रहस्यमयी कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी कई मंजिला इमारत और कुएं के पास बनी तोता मैना की कब्र पर लिखी अबूझ आयतें सैकड़ों वर्ष बाद आज भी लोगों के लिए अबूझ पहेली हैं.
इलाके के लोग इस रहस्यमयी कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी इमारत और तोता मैना की कब्र को लेकर तरह तरह के किस्से और कहानियां सुनाते है. वियावान और बीहड़ जंगल में बना यह रहस्यमयी कुआं अराजक तत्व और चोरों का ठिकाना बन गया है, इसलिए इलाके के लोग इस कुएं को चोरों के कुएं के नाम से अधिक जानते है. इलाके के लोगों का मानना है की यह रहस्यमयी कुआं और इसके अंदर पाताल लोक में बनी कई मंजिल इमारत लगभग 12 सौ साल से अधिक प्राचीन है.
रहस्यमयी कुंए के अंदर छिपा है खजाना?
12 सौ साल पहले लूटपाट करने वाले दस्यु और डाकुओं ने अपने रहने और लूटपाट के जेवरात और कीमती चीजों के खजाने को छिपाने के लिए इस रहस्यमयी कुएं के अंदर पाताल लोक में इस इमारत को बनवाया था और वह खजाना आज भी इस रहस्यमयी कुंए के अंदर छिपा हुआ है. कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी यह इमारत कई मंजिल है, पाताल लोक तक गहराई वाले इस कुंए के अंदर चारों तरफ कमरे बने हुए हैं, जो की बेहद खूबसूरती के साथ बनाए गए हैं.
तोता-मैना की कब्र पर लिखी आयतों में खजाने का राज
इस रहस्यमयी कुएं से लगभग 100 मीटर की दूरी पर एक कब्र भी है, जिसे तोता-मैना की कब्र कहा जाता है. कब्र के दोनों ओर उर्दू , फारसी और अरबी भाषा से मिलती जुलती भाषा में कुछ आयतें लिखी हैं. लोगों का कहना है कि कब्र पर लिखी इन आयतों में इस रहस्यमयी कुएं में छिपाए गए खजाने का राज छिपा है. इस राज को जानने के लिए भाषाओं के जानकार तमाम भाषाविद कब्र पर लिखी आयतों को पढ़ने की कोशिश कर चुके है, लेकिन कोई भी भाषाविद कब्र पर लिखी आयतों को पढ़ने में आज तक कामयाब नहीं हुआ है.
इलाके के ग्रामीण यह भी बताते है कि अगर कोई भाषाविद पढ़ने में कामयाब भी हुआ तो वह पीछे की आयतें भूल जाता था. कुएं में छिपे खजाने का राज जानने के लिए अराजक तत्वों ने कई बार इस ऐतिहासिक कब्र को उखाड़ कर ले जाने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं हुए. बहरहाल, सैकड़ों वर्ष बाद आज भी विशाल कुएं के अंदर पाताल लोक में बनी इमारत और तोता-मैना की कब्र पर लिखी आयतें अबूझ पहेली और रहस्य बनी हुई हैं.
(इनपुट- सुनील सिंह)