High Buddhist Lama: बालक के माता-पिता और रिश्तेदार अपने घर में ऐसे बच्चे के जन्म को लेकर बहुत खुश हैं, जो औपचारिक रूप से तिब्बती बौद्धों का सबसे बड़ा गुरु है. सोमवार से इस लड़के का धार्मिक जीवन शुरू हो गया.
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Taklung Setrung Rinpoche: परंपरा निभाते हुए निंगमा संप्रदाय ने हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति के रहने वाले एक साढ़े चार साल के लड़के को दिवंगत तिब्बती लामा तकलुंग सेतरुंग रिनपोछे का अवतार माना है. नवांग ताशी राप्टेन हिमाचल प्रदेश के लाहौल-स्पीति में स्पीति घाटी के ताबो क्षेत्र के रंगरिक गांव का रहने वाला है. बालक के माता-पिता और रिश्तेदार अपने घर में ऐसे बच्चे के जन्म को लेकर बहुत खुश हैं, जो औपचारिक रूप से तिब्बती बौद्धों का सबसे बड़ा गुरु है. सोमवार से इस लड़के का धार्मिक जीवन शुरू हो गया. उसकी धार्मिक शिक्षा शिमला के पंथाघाटी स्थित दोरजीदक मठ में शुरू होगी. नवांग ताशी के दादा ने बताया, 'सबसे पहले तो मुझे कोई आइडिया नहीं था कि मेरा पोता तिब्बती लामा का अवतार है. जब गुरु हमारे घर पर आए तब उन्होंने बताया कि अगला लामा आपके पास है.'
वहीं समारोह में आए एक बौद्ध भिक्षु ने कहा, आज उनका मुंडन और कपड़े बदलने वाला समारोह है. जब वह सारे लामा से आशीर्वाद ले लेंगे, तब से उनकी शिक्षा शुरू हो जाएगी. यह बौद्ध दुनिया से जुड़े लोगों के लिए अहम पल है क्योंकि हमने इसके लिए 7 साल इंतजार किया है. दोरजीदक में तिब्बती बौद्ध भिक्षुओं और अन्य लोगों और हिमाचल प्रदेश के हिमालयी क्षेत्र के अन्य बौद्ध शिष्यों ने शिमला में नवांग ताशी का स्वागत किया.
Today is his hair-cutting & clothes change ceremony. His teaching will start once he will take blessings from all the Lamas. This is a precious moment for the people of the Buddhist world as we waited for 7 years for this, said a monk attending the ceremony in Shimla pic.twitter.com/16HkGbrVDy
— ANI (@ANI) November 28, 2022
मां ने कही ये बात
बालक भिक्षु की मां केसलैंग डोलमा ने कहा, "हमें इस बारे में कुछ पता नहीं था और ना ही हम ऐसी किसी चीज के लिए तैयार थे. करीब एक साल पहले दोरजीदक मठ के लोग हमारे पास आए. वे दलाई लामा और बाद में शाक्य त्रिचेन रिनपोछे के पास गए और बाद में उनसे चर्चा और पुनर्जन्म के अनुष्ठानों के बाद नवांग ताशी को अवतार माना.''
उन्होंने कहा, बतौर मां अपने बेटे से अलग होने की बात सोचना बहुत दुखदायक थी. लेकिन मेरे लिए खुशी की बात यह भी थी कि सबसे बड़े बौद्ध गुरु ने हमारे घर में जन्म लिया है. मेरे दो बच्चे हैं. वह छोटा है और उससे बड़ी बेटी है. मैं खुश हूं कि वह लोगों को शिक्षा देगा और उनकी भलाई के लिए काम करेगा. मैं खुद को खुशनसीब महसूस कर रही हूं कि मैंने इस बच्चे को जन्म दिया.
पिता बोले- ये खुशी का पल
नवांग ताशी के पिता लामा सोनम चोपेल ने कहा, ''यह बहुत खुशी का पल है क्योंकि मैं तिब्बती लामा तकलुंग सेतरुंग रिनपोछे के अवतार का पिता हूं.मैंने कभी ऐसा नहीं सोचा था. भविष्य में वह बौद्ध गुरु होगा और लोगों को शिक्षाएं देगा. हम भी उसके शिष्य बनेंगे. वह पहले स्कूल में था, लेकिन उनके अवतार और शाक्य ठिचेन रिनपोछे की ओर से मान्यता प्राप्त होने के बाद हमें उसकी स्कूली शिक्षा रोकनी पड़ी.''
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