Suratgarh : श्रीकृष्ण गौशाला जैतसर में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन, अंतिम दिन लगेगा लंगर
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Suratgarh : श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ में श्रीकृष्ण गौशाला जैतसर में श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक मनोजानंद शास्त्री ने कथा में भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन किया. उन्होंने कहा कि महा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा और ईश्वर भक्ति करें.
परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम से ही संभव है. पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए कथावाचक ने बताया कि पूतना राक्षसी ने बालक कृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी. श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पुतना का वध कर उसका कल्याण कर दिया. माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाई तो उसके बाद पंचगव्य से भगवान को स्नान करवाया.
सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए. गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है. पृथ्वी ने गाय का रूप धारण करके श्रीकृष्ण को पुकारा तो श्रीकृष्ण पृथ्वी पर अवतरित हुए., इसलिए वह मिट्टी में नहाते, खेलते और यहां तक की मिट्टी को खाते हैं. इसके पीछे उनका मकसद यह था कि पृथ्वी का उद्धार कर सकें.
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कथावाचक ने कहा धर्म को जानना चाहते हो तो गीता, भागवत ,रामायण पढ़ो, तुम ही नहीं तुम्हारी आने वाली पीढ़ी भी संस्कारी हो जायेगी. ब्रजवासियों ने इंद्र की पूजा छोडकर गिर्राज की पूजा शुरू कर दी तो इंद्र ने कुपित होकर ब्रजवासियों पर मूसलाधार बारिश की, तब कृष्ण भगवान ने गिर्राज को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की और इंद्र का मान मर्दन किया. इंद्र को भगवान की सत्ता का अहसास हुआ और इंद्र ने भगवान से क्षमा मांगी और कहा हे प्रभु मैं भूल गया था की मेरे पास जो कुछ भी है वो सब कुछ आप का ही दिया है.
कथा आयोजन से पूर्व आनंद पारीक, आशुतोष, रविराज ,किशन जोशी, राजवीर सिंह बिट्टू, रविन्द्र बाघला, सतीश मित्तल, रामप्रताप माकड, दीनबंधु शर्मा, वेदप्रकाश सेतिया सहित कई लोग मौजूद रहे. कथा आयोजन समिति सदस्य राजेंद्र सेतिया और सुरेश मौर ने बताया कि कथा की समाप्ति के बाद हवन और लंगर का आयोजन किया जाएगा.
रिपोर्टर- कुलदीप गोयल