सीकर: नवलगढ़ में डूबने से छात्र की मौत, जिम्मेदार कौन?
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सीकर: नवलगढ़ में डूबने से छात्र की मौत, जिम्मेदार कौन?

Sikar: सीकर के नवलगढ़ में जमा बरसाती पानी में डूबने से एक कोचिंग छात्र युवराज मीणा की दर्दनाक मौत हो गई. देर शाम को ही बरसात के बाद यहां नवलगढ़ पुलिया इलाके में सदैव पानी भरता रहता है, 

 

फाइल फोटो.

Sikar: सीकर के नवलगढ़ में डूबने से छात्र की मौत.वहीं इस और सीवरेज का कार्य के चलते गड्ढे भी खोधे गए थे. बताया जा रहा है गड्ढे में पानी भरा हुआ था और इस इलाके में 8 से 10 फिट पानी भरा हुआ था, जिसके चलते बच्चा पानी में डूब गया.उसकी मौत हो गई. इसकी सूचना सिविल डिफेंस और पुलिस को मिली सिविल डिफेंस की टीम ने मशक्कत के बाद पानी में डूबे बच्चों को बाहर निकाला और अस्पताल लेकर पहुंचे.

 अस्पताल में छात्र को मृत घोषित कर दिया घटना की सूचना के बाद कलेक्टर डॉ. अमित यादव पुलिस अधीक्षक करण शर्मा भी मौके पर पहुंचे. सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा गोविंद सिंह डोटासरा लक्ष्मणगढ़ से सीधे सीकर के अस्पताल पहुंचे.

घटनास्थल जानकारी पूरी मामले की जानकारी ली वहीं, इस घटना के बाद सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित काफी संख्या में जनप्रतिनिधि भी अस्पताल पहुंचे और पूरे मामले की जानकारी ली फिलहाल मृतक छात्र मैट्रिक्स कोचिंग संस्थान का युवराज मीणा था.

नवलगढ़ पुलिया के जल्द काम को लेकर हुई थी डोटासरा और विधायक राजेंद्र पारीक में तीखी नोकझोंक.पिछले महीने सीकर कलेक्ट्रेट में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और सीकर विधायक राजेंद्र पारीक के बीच इस नवलगढ़ पुलिया में भरने वाले पानी की समस्या के समाधान की बात को लेकर तीखी नोकझोंक और तकरार हो गई थी.

 डोटासरा ने अधिकारियों को काम में ढिलाई बरतने और लापरवाही बरतने पर फटकार लगाई थी जिस पर विधायक राजेंद्र पारीक ने अधिकारियों का पक्ष लेते हुए डोटासरा से बहस करने लग गए थे, जिसके बाद दोनों के बीच तीखी नोकझोंक और तकरार हो गई थी. डोटासरा का साफ कहना था कि यह इलाका जलभराव के कारण समस्या पैदा कर रहा है.

 लोगों का यहां रहना दूभर हो गया है हम आपको यह भी बता दें कि इसी सड़क मार्ग से होकर गोविंद सिंह डोटासरा दातारामगढ़ विधायक वीरेंद्र कुमार का भी निवासी इलाके में और अधिकांश कोचिंग कॉलेज भी इसी सड़क पर है जिसके चलते छात्रों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन अधिकारियों की लेटलतीफी के चलते यह समस्या नासूर बनी हुई है, हालांकि पिछले कुछ दिनों से इस पर काम पर गति से चल रहा था लेकिन यह समय रहते अगर कर लिया जाता तो आज एक छात्र को जान नहीं गवानी पड़ती.

हो चुके हैं कई बड़े आंदोलन

नवलगढ़ पुलिया में जलभराव की समस्या के समाधान की मांग को लेकर पिछले कई सालों से आंदोलन होते रहे हैं, पिछले साल भी लंबे समय तक ग्रामीणों का और स्थानीय लोगों का आंदोलन जारी रहा लोग समस्या के समाधान की मांग को लेकर भूख हड़ताल भी की तो वहीं, लोग टॉवर पर भी चढ़े. जनप्रतिनिधियों का घेराव तक किया. उसके बाद लंबे समय तक आंदोलन चलने के बाद समस्या के समाधान के आश्वासन के बाद लोगों ने आंदोलन समाप्त किया था, लेकिन अधिकारियों की लेटलतीफी और लापरवाही के चलते यह समस्या का समाधान अभी तक नहीं हो पाया है.

सीकर कोचिंग हब बन चुका है

अधिकांश कोचिंग संस्थान भी है इसी मार्ग पर सीकर वैसे तो कोचिंग हब बन चुका है और नवलगढ़ पुलिया के पास में ही अधिकांश कोचिंग स्थित है इन कोचिंग संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों को अक्सर बरसात से भरने वाले पानी के चलते भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वहीं स्थानीय लोगों का भी जीना दूभर है वही नवलगढ़ पुलिया के पास में दुकानदारों की तो हालत और भी बुरी है दुकानों में 6 से 8 फीट तक पानी भर जाता है लेकिन अधिकारियों को बार-बार अवगत कराने के बावजूद इस समस्या का समाधान आज तक नहीं हो पाया है.

गहरा दुख प्रकट किया

घटना पर जताया दुख कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सीकर सांसद सुमेधानंद सरस्वती सहित जनप्रतिनिधि इस दुखद घटना पर गहरा दुख प्रकट किया है और कहा है कि जो भी घटनाक्रम है उसकी जांच कराई जाएगी. किस तरीके से यह घटना घटित हुई लेकिन यह घटना सीकर के बाशिंदों के लिए बहुत ही दुखद है इस समस्या के समाधान के लिए जल्द ही कार्रवाई की जाएगी.

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