Sawai madhopur latest News: सवाई माधोपुर जिले की रहने वाली एक 36 साल की महिला कई सालों से पेट दर्द और खून की कमीं के साथ ही अन्य समस्याओं से परेशान थी.एसएमएस अस्प्ताल पहुंची. जहां जांच करने पर पता चला कि महिला की गॉल ब्लैडर में बड़ी संख्या में पथरियां हैं.
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Sawai madhopur latest News: राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले की रहने वाली एक 36 साल की महिला सालों से पेट दर्द और खून की कमीं के साथ ही अन्य समस्याओं से परेशान थी. इसके इलाज के लिए प्रदेश के साथ ही गुजरात राज्य के अस्पतालों में खूब दिखाया गया, लेकिन आराम नहीं मिला. आखिरी में फिर से एसएमएस अस्प्ताल पहुंची. जहां जांच करने पर पता चला कि महिला की गॉल ब्लैडर में बड़ी संख्या में पथरियां हैं.
इसके साथ ही आंत में भी पथरी होने का अंदेशा हुआ. जांच के बाद ऑपरेशन किया तो एक-एक करके आंत से लगभग 30 पत्थर निकाले गए. इसके साथ ही आंत का 4 फीट का हिस्सा काटकर अलग भी करना पड़ा. अब मरीज ठीक है. ये ऑपरेशन एसएमएस मेडिकल कॉलेज के जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ. जीवन कांकरिया और उनकी टीम ने किया है.
डॉ कांकरिया ने कहा कि महिला कई सालों से पेट दर्द से परेशान थी. कई जगह इन्होंने दिखाया भी लेकिन ठीक से बीमारी को ट्रेस नहीं किया गया. महिला एसएमएस अस्पताल पहुंची, जहां सोनोग्राफी और एक्सरे करवाया गया. जिसके बाद पता चला कि गॉल ब्लैडर में पथरी है. पथरी के कारण ही महिला को उल्टियां भी होती थी. इसके बाद महिला की कोलोनोस्कोपी की गई तो ये भी सामने आया कि आंत में भी रुकावट है.
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आंत में जगह-जगह सूजन है. इससे अंदेशा हुआ कि आंत में भी पथरी हो सकती है. इसके बाद ऑपरेशन किया गया और गॉल ब्लैडर निकाला गया. जिसमें दो तीन पत्थर निकले. आंत की जांच की तो उसमें से एक-एक करके 30 पत्थर निकाले गए. महिला को खून की कमीं भी थी. पिछले 10 सालों में महिला के 15 यूनिट ब्लड भी चढ़ाया जा चुका है.
डॉ कांकरिया ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान देखा कि आंत में 5 जगह सिकुड़न भी है. इसको देखने के बाद आंत के 4 फीट हिस्से को निकाला गया. बाकी हिस्से को जोड़कर ऑपरेशन को सफल किया गया. इन पथरी की साइज डेढ़ सेमी से लेकर 5 सेमी तक थी. उन्होंने कहा कि इस तरह का केस अब तक देखने को नहीं मिला है. जब किसी इंसान के आंत से इतनी संख्या में पथरी निकली हो. एक या दो स्टोन के केस पहले मिल चुके हैं, इसीलिए इस केश को पब्लिश करने के लिए इंटरनेशनल जनरल में भेजा गया है. इसके साथ ही इन छोटे ब्लैक पत्थरों की जांच भी कराई जाएगी.