Pratapgarh News: प्रतापगढ़ जिले की स्थापना को लेकर आयोजित दो दिवसीय कांठल महोत्सव के तहत विभिन्न आयोजन किये जा रहे हैं. इसी के तहत दूसरे दिन किला परिसर से रैली निकाली गई. जिसमें स्काउट बैंड, डीजे, झांकियां और आदिवासी गेर नृत्य लोगों के आकर्षण का केंद्र रहे. रैली को कलेक्टर डॉक्टर अंजली राजोरिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.
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Rajasthan News: प्रतापगढ़ जिले की स्थापना के उपलक्ष्य में हर साल आयोजित होने वाले कांठल महोत्सव ने इस बार भी सांस्कृतिक और धार्मिक रंगों से जिले को सराबोर कर दिया. जिला प्रशासन, जनजाति विकास विभाग और पर्यटन विभाग चित्तौड़गढ़ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस दो दिवसीय महोत्सव में बड़ी संख्या में लोग उत्साहपूर्वक शामिल हो रहे हैं.
महोत्सव के दूसरे दिन का मुख्य आकर्षण किला परिसर से निकाली गई भव्य शोभायात्रा रही. पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे आदिवासी कलाकारों के गैर नृत्य ने दर्शकों का दिल जीत लिया. शोभायात्रा में डीजे और बैंड-बाजों पर बज रही राष्ट्रभक्ति की धुनों पर युवा झूमते नजर आए. यह भव्य शोभायात्रा शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कृषि उपज मंडी में जाकर संपन्न हुई.
इस अवसर पर कलेक्टर डॉ. अंजली राजोरिया ने कहा कि कांठल की समृद्ध कला, संस्कृति और परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए इस तरह के आयोजनों का विशेष महत्व है. उन्होंने स्थानीय कलाकारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी भागीदारी से महोत्सव की शोभा और भी बढ़ जाती है.
महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों और जनजातीय समुदाय ने अपनी कला और परंपराओं का प्रदर्शन किया. पारंपरिक संगीत, नृत्य और वेशभूषा ने इस महोत्सव को एक अलग ही पहचान दी. कांठल महोत्सव न केवल जिले की स्थापना का जश्न है, बल्कि यह स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को सहेजने और उन्हें देशभर में प्रचारित करने का एक अनूठा प्रयास भी है. यह आयोजन स्थानीय समुदाय के लिए गर्व और उल्लास का प्रतीक बन चुका है.
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Reported By- हितेष उपाध्याय