इस बार सचिन पायलट के रंग, ढंग और तेवर सबमें बगावत !
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इस बार सचिन पायलट के रंग, ढंग और तेवर सबमें बगावत !

Sachin Pilot Latest News : अपने राजनीतिक (Rajasthan Politics)करियर में दुनिया जहान के थपेड़े खाने के बाद सचिन पायलट(Sachin Pilot) अपनी सियासी समझ का इशारा अपने परिधानों में भी कर रहे हैं. सचिन के गले में पड़े पीले दुपट्टे ने सभी के ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. देखना होगा कि मई की तपती गर्मी में सचिन पायलट जब अजमेर(AJMER) से जयपुर (JAIPUR)की जमीन नापने निकलेंगे, तो उन्हे कितना समर्थन मिलता है.

 

इस बार सचिन पायलट के रंग, ढंग और तेवर सबमें बगावत !

Sachin Pilot Latest News : अपने राजनीतिक (Rajasthan Politics)करियर में दुनिया जहान के थपेड़े खाने के बाद सचिन पायलट(Sachin Pilot) अपनी सियासी समझ का इशारा अपने परिधानों में भी कर रहे हैं. सचिन के गले में पड़े पीले दुपट्टे ने सभी के ध्यान अपनी ओर खींच रहा है. देखना होगा कि मई की तपती गर्मी में सचिन पायलट जब अजमेर(AJMER) से जयपुर (JAIPUR)की जमीन नापने निकलेंगे, तो उन्हे कितना समर्थन मिलता है.

वैसे तो रंग सिर्फ रंग है लेकिन राजनीति के रंगरेज पायलट जब अपनी चटक सफेद कुर्ते पर किसी रंग को चढ़ा दे को चर्चा होनी लाजमी है. इस बीच सभी की इंतजार है जब मई की तपती गर्मी में सचिन पायलट अजमेर से जयपुर की जमीन नापने निकलेंगे तो उन्हे कितना समर्थन मिलता है...

आखिर वो दिन आ ही गया जिसका इल्म राजस्थान की सियासत और जनता दोनों को था. सालों से अपनी सियासी बेकद्री के कड़वे घूंट पी रहे सचिन पायलट ने वो किया जिसका एहसास दिल्ली से लेकर जयपुर तक कांग्रेस के भीतर और बाहर सबको था. 

सचिन ने घोषणा कर दी कि अब वह अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ पैदल यात्रा निकालेंगे और सरकार को घेरेंगे. गहलोत से अदावत के बीच सबसे दिलचस्प पहलू वह तस्वीर है जो सारी कहानी खुद बयां कर रही है. 

सचिन पायलट की पदयात्रा के प्रमोश्नल पोस्टर में न राहुल गांधी हैं न ही प्रियंका गांधी. आपको याद होगा इससे पहले भी जब सचिन एक दिन की भूख हड़ताल पर बैठे थे तब भी पोस्टर में सिर्फ महात्मा गांधी जी की तस्वीर थी.

बात साफ है सचिन को दिल्ली दरबार का सहयोग नहीं है और वो अपने बल पर अपनी सियासी लड़ाई अपने पैरों पर लड़ने निकले हैं. सचिन पायलट 11 से 15 मई तक चलने वाली 'जन संघर्ष यात्रा' के जरिए, अबकी बार सीएम गहलोत को सीधे निशाने पर लेने वाले हैं.

कांग्रेस बनाम कांग्रेस के खेल में सचिन पायलट के पोस्टर्स में एक तरफ महात्मा गांधी, डॉ अंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीर है तो दूसरे कोने पर पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और सोनिया गांधी की तस्वीर है.

सवाल ये है कि जब सोनिया गांधी को तस्वीर में रखा जा सकता है तो फिर राहुल और प्रियंका से क्या बैर ? वहीं बड़ी बात ये कि पोस्टर पर कहीं भी कांग्रेस का चुनाव चिन्ह नहीं है और यही सियासी गलियारों में सचिन पायलट के पूरी तरह बगावती होने की चर्चा बटोर रहा है.

अपने राजनीतिक करियर में दुनिया जहान के थपेड़े खाने के बाद सचिन पायलट अपनी सियासी समझ का इशारा अपने परिधानों में भी कर रहे हैं. सचिन के गले में पड़े पीले दुपट्टे ने सभी के ध्यान अपनी ओर खींचा. 

वैसे तो रंग सिर्फ रंग है लेकिन राजनीति के रंगरेज पायलट जब अपनी चटक सफेद कुर्ते पर किसी रंग को चढ़ा दे को चर्चा होनी लाजमी है. इस बीच सभी की इंतजार है जब मई की तपती गर्मी में सचिन पायलट अजमेर से जयपुर की जमीन नापने निकलेंगे तो उन्हे कितना समर्थन मिलता है.

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