Rajasthan Election 2023: दूसरे राज्यों में गठबंधन, राजस्थान में होगा मुकाबला..जेजेपी-शिवसेना की गठबंधन उम्मीद टूटी
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Rajasthan Election 2023: मरुधरा में सत्ता के महासंग्राम में राजनीतिक दल जीत का सेहरा बांधने की कोशिश में लगी है. इसके लिए वोट बैंक का बंटवारा रोकने के लिए राजनीतिक पार्टियां एक दूसरे से गठबंधन करती हैं. राजस्थान में भी जननायक जनता पार्टी और शिवसेना शिंदे गुट की बीजेपी से गठबंधन की उम्मीद लगाए बैठी थी, लेकिन बीजेपी की पहली सूची के बाद उनकी उम्मीद धराशाही हो गई.
राजस्थान में सत्ता का महासंग्राम में हर बार की तरह इस बार भी कांग्रेस और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है. हालांकि स्थानीय और बाहरी पार्टियों की एंट्री ने गठबंधन के संकेतों के साथ मुकाबले को रोचक बना दिया है. आरएलपी और आम आदमी पार्टी का कांग्रेस के साथ गठबंधन होने की चर्चाएं है तो, वहीं भाजपा के साथ जननायक जनता पार्टी और शिवसेना के साथ गठबंधन की संभावना थी, लेकिन भाजपा की पहली प्रत्याशियों की सूची जारी पर जेजेपी और शिवसेना का गठबंधन सपना चकनाचूर हो गया है. भाजपा ने जेजेपी और शिवसेना की प्रमुख दावेदारी वाली सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए है.
भाजपा का हरियाणा में जननायक जनता पार्टी से गठबंधन है. जेजेपी के नेता राजस्थान में भी भाजपा गठबंधन की उम्मीद में थे. शेखावाटी में जमीन मजबूत करने में जुटी जेजेपी को उस वक्त बड़ा झटका लगा, जब बीजेपी ने अपनी 41 प्रत्याशियों की पहली सूची में उन दनों सीटों पर भी उम्मीदवार उतार दिए जहां जेजेपी अपना दावा मजबूत मान गठबंधन की आस लगाए हुए थी , भाजपा ने दातारामगढ़ से गजानंद कुमावत और फतेहपुर से श्रवण सिंह चौधरी को मैदान में उतार दिया है. बीजेपी की घोषणा के साथ अब जेजेपी ने भी इन दोनों सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए. जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार मैदान में उतरने के साथ दो अपनी मजबूत सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर दिए. फतेहपुर से नंदकिशोर महरिया और दांतारामगढ़ से रीटा सिंह को चुनावी मैदान मे उतारा है.
हरियाणा में भले ही जेजेपी और भाजपा गठबंधन के साथ हो , लेकिन राजस्थान में दोनों ही दल आमने सामने है, ऐसा नहीं है कि भाजपा जेजेपी के साथ गठबंधन कर रखा हो, महाराष्ट्र में भी बीजेपी का शिवसेना के साथ गठबंधन, राजस्थान की उदयपुरवाटी से चर्चाएं थी कि भाजपा शिवसेना के साथ मिल कर चुनाव लड़ सकती है, कांग्रेस सरकार में लाल डायरी को लेकर विवादों में आने के बाद मंत्री पद गवाने वाले राजेंद्र गुढ़ा शिवसेना से चुनाव लड़ने की तैयारी में है , लेकिन 41 प्रत्याशी की सूची में बीजेपी ने उदयपुरवाटी से सुभकरण चौधरी को मैदान में उतार गठबंधन की चर्चों पर विराम लगा दिया. साल 2023 के चुनाव में भाजपा कांग्रेस के साथ उन राजनीतिक दलों का भी सामना करेंगी जिनके साथ उनका अन्य राज्यों में गठबंधन है . बीजेपी प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने कहा कि अलग अलग राज्यों की अलग अलग प्रस्थितियां है, लेकिन राजस्थान में सभी 200 विधानसभा सीटों पर भाजपा मजबूत है , यहां किसी तरह का कोई गठबंधन करने की जरूरत नहीं है . इस बार बड़े बहुमत के साथ भाजप सरकार बनाने जा रही है.
विधानसभा चुनाव में भाजपा से गठबंधन का खुमार टूटने के बाद जननायक जनता पार्टी ने शेखावाटी में पूरी शिद्दत के साथ चुनाव अभियान में जुटी हुई है. फतेहपुर और दातारामगढ़ विधानसभा सीट पर प्रत्याशी घोषित किये हैं , खास बात है कि इन दोनों सीटों पर परिवार के सदस्य आमने सामने होंगे , फतेहपुर से बीजेपी ने शुभाष महरिया को टिकट दिया है तो जेजेपी ने महरिया के छोटे भाई और पूर्व विधायक नन्दकिशोर महरिया को उम्मीदवारबना कर मुकाबला रोचक कर दिया , इतना ही नहीं जेजेपी ने दातारामगढ़ से कांग्रेस से सीकर जिला प्रमुख रह चुकी है रीटा सिंह को उम्मीदवार बनाने की घोषणा की है , रीटा सिंह के ससुर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री नारायण सिंह दांतारामगढ़ सीट से कई बार विधायक रहे हैं. वर्तमान में नारायण सिंह के पुत्र वीरेन्द्र सिंह यहां से कांग्रेस के विधायक हैं. वही भाजपा ने दातारामगढ़ से गजानन्द कुमावत प्रत्याशी को घोषित कर दिया है, जबकि कांग्रेस की टिकट मौजूदा विधायक विरेन्द्र सिंह को मिलने की सम्भावना है , रीटा सिंह और वीरेंद्र सिंह पति पत्नी है. अब कांग्रेस वीरेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित करती है तो चुनाव मैदान में पति-पत्नी के आमने-सामने होंगे.
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