अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कैदियों तक मोबाइल पहुंचने वाले गैंग का खुलासा, 2 जेलकर्मी सहित 11 आरोपी गिरफ्तार
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अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद कैदियों तक मोबाइल पहुंचने वाले गैंग का खुलासा, 2 जेलकर्मी सहित 11 आरोपी गिरफ्तार

Jaipur News: राजस्थान में राजधानी जयपुर की चित्रकूट थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर बंद शातिर बदमाशों तक मोबाइल फोन पहुंचने का काम कर रहा था. पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए दो जेल कर्मियों और गोगामेड़ी हत्याकांड में जेल में बंद सुमित यादव सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

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Jaipur News: राजधानी की चित्रकूट थाना पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल के अंदर बंद शातिर बदमाशों तक मोबाइल फोन पहुंचने का काम कर रहा था. पुलिस ने प्रकरण में कार्रवाई करते हुए दो जेल कर्मियों और गोगामेड़ी हत्याकांड में जेल में बंद सुमित यादव सहित कुल 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. 

पिछले कई महीनों से अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बन्द विभिन्न गैंग के सदस्यों द्वारा जयपुर शहर में अवैध वसूली और एक्सटॉर्शन के लिए बार–बार लोगों को धमकी दी जा रही थी. इसी प्रकार के एक मामले में पूर्व में हरमाड़ा थाना इलाके में धनराशि नहीं देने की वजह से एक शख्स की हत्या की साजिश भी बदमाशों ने रच ली थी. हालांकि पुलिस ने समय रहते कार्रवाई करते हुए हथियारों के साथ बदमाशों को वारदात से पहले गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने उस प्रकरण में कुल 16 बदमाश गिरफ्तार किए थे. इसके बाद भी लगातार कभी वैशाली नगर तो कभी श्याम नगर में विभिन्न व्यापारियों को शातिर बदमाशों द्वारा धमकी दे अवैध राशि की मांग की जा रही थी.

पुलिस ने ऐसे बिछाया जाल
लगातार व्यापारियों को मिल रही धमकी की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए डीसीपी वेस्ट अमित कुमार के सुपरविजन में एक स्पेशल टीम का गठन किया गया. स्पेशल टीम को एक महत्वपूर्ण सूचना हाथ लगी की हरियाणा के बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू के द्वारा अजमेर हाई सिक्यूरिटी जेल में बंद शातिर बदमाशों को मोबाइल उपलब्ध कराए जाने हैं. विक्रम सिंह द्वारा मोबाईल फोन जेल में फेंके जाने थे, जिनका प्रयोग आपराधिक गैंग के द्वारा लोगों को हत्या की धमकी और डरा धमका कर एक्स्टॉर्शन करने में किया जाना था. उक्त सूचना पर हरियाणा से आ रहे बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू को चित्रकूट थाना इलाके में स्पेशल टीम द्वारा दबोचा गया. बदमाश विक्रम सिंह उर्फ कालू के कब्जे से एक देशी कट्टा और दो मोबाईल फोन बरामद किए गए.

कुल 9 बदमाशों को गिरफ्तार 
पुलिस ने गिरफ्त में आए विक्रम से जब पूछताछ की तो इस बात का खुलासा हुआ की विक्रम से बरामद किए गए फोन सुखदेव गोगामेड़ी हत्याकांड में अजमेर जेल में बंद सुमित यादव को पहुंचाए जाने थे. जिसका प्रयोग सुमित द्वारा लोगों को धमकी देने और गैंग के दूसरे सदस्यों को अन्य दिशा निर्देश देने के लिए किया जाना था. आरोपी से हुई पूछताछ में इस बात का भी खुलासा हुआ कि गैंग के सदस्यों की जेल में सुख सुविधाओं और मोबाईल फोन पकड़े जाने से पहले सूचना देने की एवज में एक्सटॉर्शन की धनराशि का कुछ हिस्सा जेल में पहुंचाया जा रहा था. साथ ही धमकी देने के बाद भी यदि कोई व्यक्ति धनराशि नहीं देता तो उसके मर्डर के लिए फायरिंग करवाने की प्लानिंग चल रही थी. इस संबंध में एक पीडित द्वारा वैशालीनगर थाने में रिपोर्ट भी दर्ज करवाई गई थी. इन तमाम चीजों को मद्देनजर रखते हुए स्पेशल टीम ने एक्शन लेते हुए अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद सुमित यादव सहित कुल 9 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.

प्रत्येक आरोपी का अलग-अलग रोल
पुलिस की गिरफ्त में आए प्रत्येक आरोपी का इस पूरे प्रकरण में अलग-अलग रोल सामने आया है. जिनमें से आरोपी जीतू द्वारा गैंग को एमपी से सप्लाई मंगाकर पिस्टल्स उपलब्ध करवाई जानी थी. आरोपी रामस्वरूप उर्फ गजनी द्वारा सुमित यादव का जेल कर्मियों और जीतू से सम्पर्क करवाया गया. आरोपी प्रियांशू, साहिल और नरेश जांगिड गैंग द्वारा ली जा रही एक्सटॉर्शन की राशि को विभिन्न माध्यमों से जेल केंटीन की सप्लाई से जुड़े आरोपी गंगाराम के मार्फत जेल में पहुंचा रहे थे. आरोपी राकेश जांगिड़ जो कैमरा रिपेयरिंग का काम करता है उसने आरोपी प्रियांशू के माध्यम से कुछ धनराशि प्राप्त की. उसके बदले में ड्रिल मशीन में छोटे मोबाइल फोन रखकर जेल में गैंग के सदस्यों तक पहुंचाए. गैंग के सदस्यों द्वारा रंगदारी नहीं देने वाले लोगों की हत्या को अंजाम दिया जाता उससे पहले ही आरोपियों को पुलिस ने दबोच लिया.

सुख सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जेल में सेटिंग कर रखी थी
आरोपियों से हुई पूछताछ में इस बात का पता चला कि संगठित आपराधिक गैंग के तार आपस में जुडे हुए है. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी जीतराम चौधरी और रामस्वरूप पूर्व में रामकेश मीणा हत्याकांड में केस वार रहे है. जेल में इनकी दोस्ती सुमित यादव से हो गई. सुमित यादव अजमेर हाईसिक्योरिटी जेल में बंद था और रामस्वरूप चौधरी अजमेर का रहने वाला है. रामस्वरूप और सुमित पूर्व में जयपुर जेल में बंद रहे थे. जिन्होंने जेल में बंद गैंग के सदस्यो को लग्जरी लाईफ और सुख सुविधाएं प्रदान करने के लिए की जेल में सेटिंग कर रखी थी. इस सेटिंग में एक्सटॉर्शन से प्राप्त धनराशि का एक बडा हिस्सा काम में लिया जाता. प्रकरण में जेल प्रहरी पवन जांगिड़ और विक्रम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. दोनों वर्तमान में अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में केंटीन सहायक का काम कर रहे हैं. है. जो जेल में बंद बदमाशों को सुविधाए उपलब्ध करवाने और एक्सटॉर्शन के लिए फोन उपलब्ध करवाने के सहयोग व षड्यंत्र में शामिल रहे हैं. पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए आरोपी सुमित यादव, रामस्वरूप जाट उर्फ गजनी, विक्रम सिंह उर्फ कालू, जीतराम उर्फ जीतेन्द्र उर्फ जीतू के खिलाफ पूर्व में हत्या, हत्या के प्रयास, मारपीट और आबकारी अधिनियम सहित अनेक संगीन धाराओं में प्रकरण दर्ज हैं. साथ ही आरोपी जीतराम उर्फ जीतेन्द्र गेगल थाने के अनेक प्रकरण में वांछित है.

जल्द पकड़े जाएंगे बाकी बदमाश
जयपुर पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. लेकिन देखना होगा कि गिरोह से जुड़े हुए अन्य बदमाशों को कितना जल्द सलाखों के पीछे पहुंचाया जाता है. वहीं जयपुर पुलिस अब तक वैशाली नगर इलाके में एक व्यापारी को धमकी देने के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है और शिप्रापथ इलाके में धमकी देने के प्रकरण में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. ऐसे अन्य बदमाश जो अभी फिलहाल बेखौफ होकर घूम रहे हैं उन्हें कितना जल्द गिरफ्तार किया जाता है यह देखने की बात होगी. 

Reporter- Vinay Pant

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