Jan Sangharsh Yatra: कांग्रेस नेता सीएम सचिन पायलट इन दिनों 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा पर अजमेर से जयपुर तक के लिए कूच किया है. इस यात्रा में सचिन पायलट ने युवाओं के हक में आवाज उठाते हुए सरकार समेत राज्य सरकार को घेरा है.
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Jan Sangharsh Yatra: राजस्थान में एक बार फिर से सियासी सरगर्मियों से तापमान में गर्मी बढ़ने लगी है. 5 दिन की जन संघर्ष यात्रा को लेकर कांग्रेस नेता पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट काफी मुखर हो गए है. 11 मई से अजमेर से शुरू की गई उनकी जन संघर्ष यात्रा का शनिवार को तीसरा दिन है.यह यात्रा अजमेर से शुरू होकर राजधानी जयपुर में खत्म होगी. जयपुर जाने से पहले दूसरे दिन उनकी पदयात्रा किशनगढ़ पहुंची और यहां से अपने समर्थकों के साथ वह आगे की ओर बढ़े. इस दौरान वह लगातार भष्टाचार और पेपरलीक जैसे मामलों पर सरकार और सीएम अशोक गहलोत को घेरते नजर आ रहे है.
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तीसरे दिन की यात्रा
तीसरे दिन की यात्रा शनिवार से सुबह 7:30 बजे दूदू से शुरू होगी.जिसमें पहला ठहराव 10: 30 पालू में होगा. उसके बाद पालू से चार बजे यात्रा दुबारा शुरू होगी.फिर रात का ठहराव 7:30 बजे नासनोदा मे होगा. पांच दिन की पायलट की इस जनसंघर्ष यात्रा को जनता का काफी समर्थन मिल रहा है. सड़कों पर जनता की भीड़ से ही मरूधरा की भूमि में पायलट की लोकप्रियता को दर्शाता है.
पार्टी में तय हो पायलट की भूमिका
दरअसल, पायलट कि इस यात्रा में मिल रहे जनसमर्थन के जरिए वह कांग्रेस आलाकमान को अपनी ताकत और लोकप्रियता का अहसास कराना चाहते हैं. ताकि पार्टी में उनकी भूमिका तय हो. पिछले कुछ समय से राजस्थान की राजनीति में जो बड़ा उल्टफेर हुआ है उससे पायलट स्थिति काफी विचारणीय बन गई थी. इस स्थित को स्पष्ट करने के लिए पायलट ने यह कदम लिया है. उन्ं इस यात्रा से काफी उम्मीद है कि उनकी यात्रा को मिले जनसमर्थन को देखते हुए जल्द पार्टी आलाकमान उनके जरिए उठाए गए मामलों पर हस्तक्षेप करेगा.
इसके अलावा पायलट ये भी चाहते हैं कि अशोक गहलोत जिस तरह से हर मंच से उनपर सरकार गिराने की साजिश जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं, ये सिलसिला भी रोका जाए.
35 विधानसभा सीटों को प्रभावित करेगी ये यात्रा
अजमेर से जयपुर के बीच की ये जन संघर्ष यात्रा तकरीबन 35 विधानसभा सीटों को प्रभावित करेगी. खास बात ये है कि इन सीटों पर गुर्जर वोटरों का प्रभाव अच्छा खासा माना जाता है. इनमें करौली, सवाई माधौपुर, भरतपुर, टोंक आदि जिले शामिल हैं. इन जिलों में के खांटी कांग्रेस नेता भी पायलट के समर्थक मांने जाते हैं. ऐसे में यदि पायलट अपनी पार्टी बनाते हैं तो उनका फोकस इन्हीं सीटों पर होगा.
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