Rajasthan Politics: BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविंद्र सिंह भाटी को बोला छूटा सांड! कहा- छूटा सांड कर भी क्या सकता है
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Rajasthan Politics: BJP प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने रविंद्र सिंह भाटी को बोला छूटा सांड! कहा- छूटा सांड कर भी क्या सकता है

Rajasthan Politics: राजस्थान में बाड़मेर के शिव विधानसभा से विधायक रविंद्र सिंह भाटी अक्सर स्थानीय प्रशासन और भजनलाल सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं. मदन राठौड़ ने रविंद्र सिंह भाटी को लेकर कहा कि वो निर्दलीय है, फ्री है, छूटा सांड होता है ना वो कर भी क्या सकता है.

 

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Rajasthan Politics: राजस्थान में बाड़मेर के शिव विधानसभा से विधायक रविंद्र सिंह भाटी अक्सर स्थानीय प्रशासन और भजनलाल सरकार के खिलाफ बोलते रहते हैं. हाल ही में रोहिणी म्यूजिक फेस्टिवल के आयोजन के मुद्दे पर भी भाटी समर्थकों का गुस्सा फूटा था. पाली के सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत में मदन राठौड़ से पूछा गया कि रविंद्र सिंह भाटी सरकार के विरोध में क्यों हैं. 

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इस सवाल पर राठौड़ ने जवाब में कहा कि वह विरोध करेगा, वो निर्दलीय है, फ्री है, छूटा सांड होता है ना वो कर भी क्या सकता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से सवाल किया गया कि आजकल जनप्रतिनिधियों की भाषा बड़ी अभद्र हो गई है. इस पर वह बोले कि हम अपने विधायकों को समझाते हैं, अभद्र शब्दों का चयन नहीं करना चाहिए. 

विरोध तक सीमित रहना चाहिए. राहुल गांधी को देखिए यह क्या बोलते हैं. हिंदू-हिंदू, हिंसा-हिंसा पता नहीं क्या बोलते हैं. कभी कहते हैं कि इंडियन स्टेट से मुझे संघर्ष करना है, उन्हें खुद शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए और दूसरों से शिक्षा लेनी चाहिए. 

पाली को संभाग से हटाए जाने को लेकर सवाल पर मदन राठौड़ ने कहा कि पिछली सरकार ने अपने चहेतों को खुश करने और सरकार बचाने के लिए आनन-फानन में जिले घोषित किए थे. अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच आपस में ठनी थी. दोनों एक दूसरे को नीचा दिखाने में लगे थे.सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों को लेकर सरकार गिराना चाहते थे. 

गहलोत होटल में विधायकों की बाड़ेबंदी कर सरकार बचाते घूमते रहे. ऐसे में गहलोत ने चहते निर्दलीय विधायकों को खुश करने के लिए जिले घोषित किया. दूदू जो पंचायत समिति था वहां एक विधायक था उसे भी जिला बना दिया. केकड़ी सांचौर में एक-एक विधायक था कई ऐसे जिले हैं जहां 11 विधायक, 10 विधायक 14 विधायक थे, वहां विभाजन अन्यायपूर्ण था. 

एक जिले की जनसंख्या 3.30 लाख दूसरे की 2.2 लाख जिलों का विभाजन व्यवस्थित नहीं था. मदन राठौड़ ने कहा कि जिलों और संभाग का रिव्यू करने के लिए सरकार ने पूर्व आईएएस ललित पवार के अध्यक्षता में समिति बनाई. समिति ने समीक्षा की और कैबिनेट में रखी गई. 

सीएम ने रिपोर्ट और विधायकों की राय से जो फैसला किया उसके साथ हूं. पार्टी अध्यक्ष होने के नाते सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया नहीं दे सकता. राजस्थान की भौगोलिक स्थिति और लोगों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए जिला और संभाग रद्द करने का फैसला किया गया. 

हालांकि पाली जिले का मैं भी हूं, यहीं से नाता रखता हूं और पाली संभाग बना रहे उचित अवसर पर निवेदन करूंगा. उधर सोशल मीडिया पर अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बयान को लेकर प्रतिक्रिया लगातार वायरल हो रही है.

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