UPSC में नागौर के तीन मेधावियों ने एकसाथ गाड़े झंडे, एक ने तो ढाणी में रहकर की पढ़ाई
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UPSC में नागौर के तीन मेधावियों ने एकसाथ गाड़े झंडे, एक ने तो ढाणी में रहकर की पढ़ाई

UPSC परीक्षा परिणाम आने के साथ ही नागौर जिले में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इस बार यूपीएससी परीक्षा में एक साथ तीन प्रतिभाओं का चयन हुआ है. तीन प्रतिभाओं में दो बेटियां हैं. 

UPSC में नागौर के तीन मेधावियों ने एकसाथ गाड़े झंडे, एक ने तो ढाणी में रहकर की पढ़ाई

Nagaur News: यूपीएससी परीक्षा परिणाम आने के साथ ही नागौर जिले में भी खुशी की लहर दौड़ पड़ी. इस बार यूपीएससी परीक्षा में एक साथ तीन प्रतिभाओं का चयन हुआ है. तीन प्रतिभाओं में दो बेटियां हैं. तीन प्रतिभाओं का एक साथ यूपीएससी में चयन होने पर जिले में खुशी छाई हुई है. 

नागौर जिले के मेड़ता की मुदिता ने 381वी रैंक हासिल की. वहीं परबतसर के दडिया की ढाणी के प्रेमसुख दडिया ने 486वीं रैंक हासिल की. वहीं मूण्डवा के खुडखुडा गांव की मैना खुड़खुड़िया ने 613वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है.

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सामान्य किसान परिवार की बेटी का हुआ यूपीएससी में चयन
नागौर मूण्डवा उपखंड के खुडखुडा गांव के किसान परिवार की मैना खुड़खुड़िया ने यूपीएससी में हासिल की 613 वीं रैंक नागौर जिले के ग्रामीण किसान परिवार की मैना खुड़खुड़िया ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर एक बार फिर परचम लहराया है. मंगलवार को युपीएससी द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में जब मैना खुड़खुड़िया का नाम आया तो आस-पास एवं परिचितों में खुशी की लहर दौड़ गई. मैना खुड़खुड़िया का 613 वीं रैंक के साथ चयन हुआ है. 

मैना प्रारम्भ से ही मेधावी छात्रा रही है मैना 
मैना एक सामान्य किसान परिवार की बेटी है. मैना के परिवार में कोई ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है. मैना के किसान पिता ने अपने बच्चों की शिक्षा की ओर पूरा ध्यान दिया. उच्च माध्यमिक तक की शिक्षा मैना के पैतृक गांव खुड़खुड़ा में ही एक निजी विद्यालय डीडीएस गुरूकुल उच्च माध्यमिक विद्यालय में हुई. इसी विद्यालय में पढ़ते हुए मैना ने 2013 में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड़ की दसवीं परीक्षा में 96 प्रतिशत अंक प्राप्त करते हुए राज्य मैरिट में 10 वां स्थान प्राप्त किया था और जिले में प्रथम स्थान हासिल किया. इसके पश्चात उच्च माध्यमिक परीक्षा में भी विज्ञान संकाय से 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किये थे. इस दौरान मैना खुड़खुड़िया कई बार जिला स्तर पर भी सम्मानित हो चुकी है. 2015 से जयपुर में रहते हुए आगे की तैयारी मैना खुड़खुड़िया ने उच्च माध्यमिक उत्तीर्ण करने के पश्चात आगे की पढ़ाई के लिए प्रदेश की राजधानी जयपुर मै रहते हुए बीएससी करने लगी. मैना का प्रारम्भ से सिविल सर्विसेज में जाने का सपना था. अपने सपने को साकार करने के लिए मैना बीएससी करने के साथ साथ सिविल सर्विसेज की तैयारी में भी जुटी हुई थी. पिछले वर्ष ही मैना का चयन सहायक वन संरक्षक के तौर पर 62 वीं रैंक के साथ हुआ था. मैना अभी उसी के प्रशिक्षण ले रही थी.

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परिवार करता है खेती
मैना खुड़खुड़िया के परिवार में माता पिता हैं, जो खेती बाड़ी के कार्य में जुटे हुए हैं. मैना के बड़े भाई शंकरलाल भी कृषि कार्य ही करते हैं. एक भाई दिनेश एयरफोर्स में है. तीसरा भाई सुनिल एलडीसी है. वहीं सबसे छोटा भाई मनोज अभी पढ़ाई ही कर रहा है. मैना खुड़खुड़िया भी जब भी गांव आती हैं तो वो भी अपने माता पिता के साथ खेतों में काम करती है.

मेड़ता के नगरसेठ चारभुजानाथ और मीरा मंदिर के पुजारी की बेटी का हुआ यूपीएससी में चयन
नागौर जिले के मेड़ता के नगरसेठ चारभुजानाथ और मीरा मंदिर के पुजारी भगवतीलाल शर्मा की बेटी मुदिता शर्मा का भारतीय सिविल सेवा में चयन हुआ है. मुदिता ने जनरल कैटेगरी में 381वीं रैंक हासिल की है. मुदिता के पिता मेड़ता रोड की सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्रिंसिपल भी है. इससे पहले मुदिता MBBS भी कर चुकी है. जयपुर के अस्पताल में प्रैक्टिस भी कर चुकी है. मुदिता ने दिल्ली के एक कोचिंग इंस्टीट्यूट से यूपीएससी की तैयारी की है.

पहले से ही पढ़ाई में तेज
मुदिता शुरू से ही पढ़ाई में काफी तेज थी. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान 10वीं के एग्जाम में भी प्रदेश में 15वें स्थान पर रहते हुए मेरिट में आई थीं. मुदिता ने 8वीं तक मेड़ता शहर की मीरा बाल स्कूल में पढ़ाई की. उसके बाद 10वीं तक शहर की बालिका उच्च माध्यमिक स्कूल से पढ़ाई की. मुदिता के यूपीएससी में चयन होने पर मेड़ता क्षेत्र में खुशी छाई हुई है.

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ढाणी में रहकर की सेल्फ स्टडी कर और कर ली यूपीएससी परीक्षा पास
नागौर जिले के परबतसर उपखण्ड के ग्राम जावला के अंतर्गत आने वाली दड़िया की ढाणी के रहने वाले प्रेमसुख दड़िया ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के परिणामों में 486वीं रैंक हासिल की है.
प्रेमसुख ने सेल्फ स्टडी कर दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है. उनके पिता मोतीराम दड़िया खेड़ी में सेकंड ग्रेड शिक्षक तो माता साधारण गृहिणी हैं. प्रेमसुख की प्रारंभिक शिक्षा गांव के सरकारी स्कूल में हुई.

ढाणी में रहकर ही पढ़ाई जारी रखी
राजस्थान यूनिवर्सिटी से स्नातक पास करने के बाद वर्ष 2019 में पहली बार प्रेमसुख आईएएस की तैयारी करने दिल्ली पहुंचे. तभी देश में कोरोना ने दस्तक दे दी. इस बीच कोरोना बाधा बना तो प्रेमसुख दिल्ली से वापस ढाणी लौट आए. तब उन्होंने ढाणी में रहकर ही पढ़ाई जारी रखी. हिंदी मीडियम के प्रेमसुख ने 2021 में पहले प्रयास में वह इंटरव्यू तक पहुंचे मगर चयन नहीं हुआ. सेल्फ स्टडी के साथ उन्होंने पढ़ाई जारी रख ये मुकाम पाया है.

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