Panchang 7 August 2023 : आज 7 अगस्त 2023 सोमवार का दिन है. आज के दिन भोलेनाथ की विशेष रूप से पूजा की जाती है. भगवान शिव की आराधना से भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. वहीं अधिकमास भी जारी हैं, ऐसे में भगवान विष्णु की कृपा भी मिल सकती है.
Trending Photos
Panchang 7 August 2023 : आज 7 अगस्त 2023 सोमवार का दिन है. आज के दिन भोलेनाथ की विशेष रूप से पूजा की जाती है. भगवान शिव की आराधना से भक्तों की सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है. वहीं अधिकमास भी जारी हैं, ऐसे में भगवान विष्णु की कृपा भी मिल सकती है.
आज का पंचांग
तिथि सप्तमी 28:15 तक
नक्षत्र अश्विनी 25:18 तक
प्रथम करण विष्टि 28:15 तक
द्वितिय करण बावा 16:47 तक
पक्ष कृष्ण
वार सोमवार
योग शुला 18:17 तक
सूर्योदय 05:49
सूर्यास्त 19:03
चंद्रमा मेष
राहुकाल 07:28 − 09:07
विक्रमी संवत् 2080
शक सम्वत 1944
मास श्रावण (अधिकमास)
शुभ मुहूर्त अभिजीत 11:59 − 12:52
आज सुबह बन गया गजेकसरी योग, इन 3 राशियों की बल्ले
हिंदू पंचांग के 5 अंग होते हैं-
हिन्दू काल गणना के अनुसार 'चन्द्र रेखांक' को 'सूर्य रेखांक' से 12 अंश ऊपर जितना भी समय लगता है, वो तिथि कहलाती है. एक महीने में तीस तिथियां होती हैं और ये तिथियां दो पक्षों में बंटी है. शुक्ल पक्ष की आखिरी तिथि को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या कहते हैं.
तिथियों के नाम- प्रतिपदा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या/पूर्णिमा तिथि
नक्षत्र
आकाश मंडल में एक तारा समूह नक्षत्र कहलाता है. जिसमें 27 नक्षत्र होते हैं और 9 ग्रहों को इन नक्षत्रों का स्वामित्व मिला है.
27 नक्षत्रों के नाम- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र और रेवती नक्षत्र.
वार
एक सप्ताह में 7 वार होते हैं. ये सात वार ग्रहों के नाम से रखे गए हैं - सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार.
योग
नक्षत्र की भांति योग भी 27तरह के है. सूर्य-चंद्र की विशेष दूरियों की स्थितियों को योग कहते हैं. दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम - विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति हैं.
करण
एक तिथि में दो करण है. एक तिथि के पूर्वार्ध में और एक तिथि के उत्तरार्ध में होता है.
कुल 11 करण होते हैं जिनके नाम इस प्रकार हैं - बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न है. विष्टि करण को भद्रा कहा जाता है.