अनोखी पहल: गाय की मृत्यु पर भारतीय परंपरा के हिसाब से अंतिम संस्कार, लोक गीत गाकर दी गई अंतिम विदाई
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अनोखी पहल: गाय की मृत्यु पर भारतीय परंपरा के हिसाब से अंतिम संस्कार, लोक गीत गाकर दी गई अंतिम विदाई

 खेतड़ी इलाके के ईलाखर गांव में धर्मवीर स्वामी की गाय की मृत्यु होने पर धर्मवीर स्वामी व उनकी पत्नी अंजू देवी और समस्त ईलाखर वासियों ने एक नई पहल करते हुए गाय को भारतीय संस्कृति के अनुसार अंतिम संस्कार किया, जिसमें समस्त ग्रामवासी गाय की अंतिम विदाई में शामिल हुए .

अनोखी पहल: गाय की मृत्यु पर भारतीय परंपरा के हिसाब से अंतिम संस्कार, लोक गीत गाकर दी गई अंतिम विदाई

झुंझुनूं: खेतड़ी इलाके के ईलाखर गांव में धर्मवीर स्वामी की गाय की मृत्यु होने पर धर्मवीर स्वामी व उनकी पत्नी अंजू देवी और समस्त ईलाखर वासियों ने एक नई पहल करते हुए गाय को भारतीय संस्कृति के अनुसार अंतिम संस्कार किया, जिसमें समस्त ग्रामवासी गाय की अंतिम विदाई में शामिल हुए और गांव की महिलाओं ने गाय को चुनरी उढ़ाई व गाय माता का शृंगार किया. साथ ही महिलाओं ने लोक गीत गाकर गऊ माता को अंतिम विदाई दी.

समाजसेवी सरजीत स्वामी ने बताया कि ग्रामीणों ने गाय माता को सह सम्मान विदाई दे कर दफनाया ये हमारी पौराणिक संस्कृति भी रही है. जिसे हम पुनर्जीवित रखने के लिए समाज को एक नई दिशा देने का कार्य हमने किया है. हमारी हिंदू संस्कृति को जीवित रखना हम सब का उत्तरदायित्व बनता है.

गाय की अंतिम विदाई में उमड़े लोग

गाय के दफन स्थान पर एक समाधि व गाय की मूर्ति भी लगवाने का निश्चय धर्मवीर स्वामी ने किया. गाय की अंतिम विदाई में गांव के समस्त गण मान्य लोग व भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया. जिनमें श्रीचंद स्वामी, बहादुर स्वामी, धर्मवीर स्वामी, सरजीत स्वामी, होशियारसिंह, इंद्राज, प्रभु मिस्त्री, रोहित स्वामी, राकेश स्वामी, हरिसिंह, भगवानराम, विनोद, धुकल, रामनिवास, सुरेंद्र मान, हरिराम, बजरंग, जीत, विनोद, रोतान, कैलाश स्वामी, श्रवण, अरविंद, विजय, अशोक, मनोज आदि अनेक लोग मौजूद रहे.

Reporter- Sandip kedia   

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