Ram mandir: अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरे प्रदेश में उत्साह देखने को मिल रहा है. 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले पूरा देश राममय हो गया है. ऐसे में नब्बे के दशक के कारसेवक भी उस दौर को याद कर रहे हैं. राजस्थान के भीनमाल में भी एक ऐसे ही कारसेवक रहते हैं, जिनकी हर कोई प्रशंसा कर रहा है.
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Ram mandir: जालोर जिले से भीनमाल के करीब 29 कारसेवक वर्ष 1990 में अयोध्या में राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुए थे. ये सभी आंदोलनकारी उस घटना के साक्षी बने थे. उनमें से एक कारसेवक का अनोखा प्रण था, जिसकी प्रशंसा हर कोई कर रहा है. हम बात कर रहे है कारसेवक दीपाराम माली की, जिन्होंने रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के तहत अनूठा उदाहरण पेश किया है.
प्राण प्रतिष्ठा के दिन करेंगे गृह प्रवेश
दरअसल, वर्ष 1990 में दीपाराम माली भी राम जन्मभूमि आंदोलन में शामिल हुए थे और अयोध्या गए थे. तब उन्होंने प्रतिज्ञा की थी कि जब तक अयोध्या में रामलला का मंदिर नहीं बनेगा, तब तक वे खुद नया घर नहीं बनाएंगे. दीपाराम ने 33 साल तक इस प्रतिज्ञा का पालन किया. अब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी होगी. ऐसे में इसी दिन दीपाराम अपने नए घर में प्रवेश करेंगे. बता दें कि दीपाराम ने राम मंदिर के शिलान्यास के दिन ही 5 अगस्त 2020 को मकान का शिलान्यास किया. अब 22 जनवरी को राम मंदिर की प्रतिष्ठा के दिन ही मकान में गृह प्रवेश करेंगे. दीपाराम अभी अपने पिता रामाराम माली के 60 साल पुराने कच्चे मकान में रहते हैं. ईंटों से बने इस मकान पर प्लास्टर भी नहीं है.
नए घर से करेंगे बेटियों की शादी
जानकारी के अनुसार, दीपाराम के कुल 5 भाई हैं. उनके सभी भाई अपने मकान बनवा चुके हैं, लेकिन अपनी कसम के कारण उन्होंने अपना मकान नहीं बनाया. उनके पिता और सगे-संबंधियों ने उन्हें कई बार समझाया कि बेटियों की शादी करनी है. ऐसे में मकान की जरूरत होगी, लेकिन उन्होंने कहा- जब तक रामलला का मंदिर नहीं बन जाता, तब तक मैं न तो प्लॉट खरीदूंगा, न ही घर बनाऊंगा. बता दे कि दीपाराम की कुल 8 बेटियां हैं, जिनमें से 2 की शादी उन्होंने अपने पुराने घर से ही की. अब बाकी 6 बेटियों की शादी वह अपने नए घर से करेंगे.
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