कौन होगा राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री? अशोक गहलोत सरकार के मंत्री बोले मैं रेस में नहीं
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कौन होगा राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री? अशोक गहलोत सरकार के मंत्री बोले मैं रेस में नहीं

Rajasthan Chief Minister : कौन होगा राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री? इसे लेकर जमकर अटकलबाजियों का दौर जारी है. इसी बीच अशोक गहलोत सरकार के मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा है कि वो मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल नहीं है,

कौन होगा राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री? अशोक गहलोत सरकार के मंत्री बोले मैं रेस में नहीं

Rajasthan Chief Minister : राजस्थान का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? यह सवाल जयपुर से लेकर दिल्ली तक पूछा जा रहा है. सीएम की रेस में सबसे आगे सचिन पायलट का नाम चल रहा है. लेकिन अभी तक तस्वीर साफ नहीं हुई है. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने वाले हैं.

अशोक गहलोत की ओर से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की चर्चाएं भी जोरों पर है. इस पर चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनना देश के लिए बड़े ही गर्व की बात है. इसी के साथ उन्होंने कहा सभी विधायक और मंत्री अशोक गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हुए हैं.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री पद पर भी आसीन रहे ऐसी मेरी इच्छा है. मैं शुरू से ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ जुड़ा हुआ हूं. प्रसादी ने कहा मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल नहीं हूं, मैं मंत्री पद से ही खुश हूं. प्रदेश में मुख्यमंत्री का चयन आलाकमान ही तय करेगा, आलाकमान जो भी तय करता है वह सर्वमान्य होता है.

गौरतलब है कि अशोक गहलोत ने राजस्थान के मंत्री और विधायकों को इशारा कर दिया है कि उन्हें नामांकन के समय दिल्ली में मौजूद रहना है. ये वही समय होगा जब अशोक गहलोत आला कमान के समक्ष विधायकों की राय उनकी इच्छा को रखवाना चाहते हैं ताकि जो नाम अशोक गहलोत के ज़ेहन में है, वो विधायकों के ज़रिए पार्टी आलाकमान के समक्ष के अलावा दिया जाए. अशोक गहलोत बार बार कह रहे हैं कि राजस्थान के मुख्यमंत्री के चयन में प्रभारी विधायकों और राजस्थान के सियासी मसलों के लिए बनायी गई कमेटी की भूमिका महत्वपूर्ण होगी यानी अशोक गहलोत चाहते हैं 1 बार फिर से विधायक दल की बैठक हो दिल्ली से ऑब्ज़र्वर आए विधायकों के मन की सुनें उसके बाद वो बात आलाकमान तक पहुंचाई जाए यानी संख्या बल ही राजस्थान के सियासी भाग्य को तय करें.

 

Reporter- Anup Sharma

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