Rajasthan Elections: राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है, इस बीच केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत सचिवालय पहुंचे हैं. मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास पहुंचकर सीएम अशोक गहलोत को लेकर शिकायत की है, आखिर जानें क्या है मामला.
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Rajasthan Elections: केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता को शिकायत दर्ज कारवाई है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाए हैं. शेखावत ने कहा कि CM गहलोत ने नामांकन के दौरान दो मामले छिपाए हैं, 'एक जमीन घोटाले से जुड़ा मामला'है, और एक अन्य क्राइम से जुड़ा मामला है' गजेंद्र सिंह ने कहा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानबूझकर FIR की जानकारी नहीं दी है. दो ऐसे गंभीर मामलों की जानकारी नहीं, जो संगीन और गंभीर है. एक जमीन घोटाले कई गंभीर आरोप लगाए हैं. निर्वाचन विभाग इन्हें संज्ञान में लेकर कार्रवाई करें.आज सचिवालय पहुंचकर शिकायत की है.बात दें कि 6 नवंबर को सीएम अशोक गहलोत ने नामांकन सरदारपुरा (जोधपुर) से किया था.
।. यह कि राजस्थान विधानसभा चुनाव-2023 में चुनाव के प्रत्याशियों
का नामांकन (फॉर्म 26) पेश करने की अन्तिम दिनांक 06..2023
थी
2. यह कि चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गये निर्धारित प्रारूप (26) में नामांकन पत्र पूर्ण रूप से भर कर संबधित अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किया जाना आवश्यक था, नामांकन पत्र (फॉर्म 26) में गलत सूचना देने अथवा अधूरा भरने की स्थिति में चुनाव आयोग द्वारा नामांकन (फॉर्म 26) तत्काल रद्द करके उम्मीदवारी निरस्त करने का प्रावधान है.
3. यह कि अशोक गहलोत पुत्र स्व. लक्ष्मण सिंह द्वाराअपना नामांकन (फॉर्म 26) दिनांक 06..2023 को पेश किया गयाजिसमें सभी लंबित आपराधिक प्रकरणों का विस्तृत ब्यौरा देना आवश्यक था परन्तु जानबुझकर अशोक गहलोत द्वारा अधूरा विवरण प्रस्तुत किया गया है एवं दो अपराधिक प्रकरणों की जानकारी बाबत् कोई विवरण नामांकन पत्र में नहीं दिया गया जो अनिवार्य था.
4. यह कि अशोक गहलोत के विरूद्ध प्रथम आपराधिक प्रकरण दिनांक 08.09.205 को पुलिस थाना गांधीनगर, जयपुर (पूर्व) में एफआईआर संख्या 409 /205 अंतर्गत धारा 466, 409, 420, 467, 468, 47, १20बी भारतीय दण्ड संहिता दर्ज हुई तथा उक्त प्रकरण वर्तमान में माननीय न्यायालयअतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट, जयपुर के समक्ष विचाराधीन है जिसमें आगामी तारीख 24.5.2023 हैं तथा एक अन्य प्रकरण भी अशोक गहलोत के विरूद्ध विचाराधीन है जिसका भी विवरण उनके द्वारा नामांकन पत्र में नहीं दिया गया है.
5. यह है किअशोक गहलोत द्वारा पुर्व में भी विधानसभा चुनाव-203 व विधानसभा चुनाव-2078 में भी मिध्या शपथपत्र पेश कर तथ्यों को छूपाया था जिसकी शिकायत करने के पश्चात भी राज्य चुनाव आयोग द्वारा कोई कार्यवाही नहीं गई जो कि निर्वाचन आयोग की निष्पक्षता पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता है.
6. यह है कि अशोक गहलात ने जानबुझकर आपराधिक प्रकरण व तथ्य छूपाकर नामाकन पत्र पेश कर माननीय उच्चतम न्यायालय के न्याय दृष्टांतो का उल्लंघन किया है व मिथ्या, कूटरचित, भ्रामक विवरण सशपथ अंकित किया गया है जो कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा १77, 49, 420, 467, 468, 47। व लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा १25ए के तहत शपथ पत्र में तथ्य छुपाकर झूठी जानकारी देने का अपराध किया है.
7. यह है कि इससे पूर्व भी मुख्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग, शासन सचिवालय, जयपुर, राजस्थान व जिला निर्वाचन अधिकारी, जोधपुर, राजस्थान को भी सुचना दी गई थी. परन्तु उपरोक्त अधिकारियों द्वारा इस बाबत न ही कोई कार्यवाही की गई न ही संदर्भित प्रत्याशी का नामांकन पत्र खारिज
किया गया.
8. यह है कि अपने व्यवहार-प्रभाव के कारण अशोक गहलोत का नामांकन पत्र खारिज नहीं किया गया है जो विधि विरूद्ध है.
अतः उपरोक्त वर्णित तथ्यों के आधार पर आपसे अनुरोध है.कि अशोक गहलोत का नामांकन पत्र तत्काल प्रभाव से.खारिज कर निरस्त करावे तथा मिधथ्या शपथ पत्र पेश करने के कारण अशोक गहलोत के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज करने का आदेश फरमावे.
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