देश का इकलौता मंदिर, जहां मीरा के संग विराजे हैं श्रीकृष्ण, जानें किस महाराजा ने किसकी याद में कराया था निर्माण
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देश का इकलौता मंदिर, जहां मीरा के संग विराजे हैं श्रीकृष्ण, जानें किस महाराजा ने किसकी याद में कराया था निर्माण

Krishna Janmashtami 2022: भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा और रुक्मणी के साथ ही देखा होगा. जयपुर में देश का इकलौता ऐसा मंदिर भी है, जहां भगवान श्री कृष्ण उनकी भक्ति में दीवानी हुई मीरा बाई के संग विराजे हुए हैं. 

422 साल पुराना है यह अनोखा मंदिर.

Krishna Janmashtami 2022: भगवान श्रीकृष्ण और उनकी राधा के बारे में कौन नहीं जानता. जब भी श्रीकृष्ण का नाम आता है तो राधा का नाम कृष्ण से पहले आता है. तभी तो कहते हैं राधा बिना है किशन अधूरा. आपने अब तक मंदिरों में राधा संग कृष्ण को देखा होगा, लेकिन मीरा संग विराजे कृष्ण भगवान एक मात्र मंदिर है जगत शिरोमणी. यह मंदिर आमेर में है, जहां मीरा संग विराजे हैं भगवान कृष्ण.    

लगभग 422 साल पुराना है यह अनोखा मंदिर
भगवान कृष्ण एक ऐसे देव हैं, जिनको देखने मात्र से ही हर किसी का मन मोहित हो जाता है. उनका रूप इतना मनमोहक है कि हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेते है. अक्सर ऐसा मंदिरों में देखने को मिलता है कि उनके साथ हमेशा राधा रानी की पूजा होती है. हमारे देश में ऐसे जितने भी मंदिर हैं उनमें कृष्ण के साथ राधा रानी को ही पाई जाती है, और जब भी नाम भी लिया जाए तो राधा और कृष्ण का नाम ही हर किसी की जुबान पर आता है.

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आपने अब तक मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण के साथ राधा और रुक्मणी के साथ ही देखा होगा. जयपुर में देश का इकलौता ऐसा मंदिर भी है, जहां भगवान श्री कृष्ण उनकी भक्ति में दीवानी हुई मीरा बाई के संग विराजे हुए हैं. आमेर में सागर रोड पर स्थित जगत शिरोमणि के नाम से प्रसिद्ध यह मंदिर लगभग 422 साल पुराना है.

सुंदर संगमरमर के पत्थरों से बने सुंदर तोरण द्वार 
मंदिर के पुजारी राजेंद्र शर्मा ने बताया कि मंदिर निमार्ण में 9 लाख 72 हजार ,गरुड़ की विशाल मूर्ति पर एक लाख 25 हजार एवं तोरण स्तंभों पर 80 हजार रू खर्च हुए थे. आमेर के उत्तरी पश्चिमी पहाड़ी के पत्थर सफेद और काले उपयोग में लिए गए है. मंदिर में कथाओं के आधार पर पड़े गए शिल्प योग्य है. मंदिर का मंडप 2 मंजिल का है, तोरण स्तंभों पर बारीकी शिल्प गढ़ा गया है. मंदिर के मुख्य उपासना गृह मीरा गिरिधर गोपाल और विष्णु की प्रतिमाएं हैं. भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ की विशाल मूर्ति मुख्य कक्ष के सामने हाथ जोड़े खड़ी है. उस समय मंदिर के निर्माण में करीब ₹11,70,000 खर्च किए थे.

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मंदिर का गर्भग्रह जालिनुमा पिलरों वाले मंडप में बना हुआ है. भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति के सामने एक मंडप प्रासाद में उनके वाहन गरूड़ भगवान विराजित है. वहीं, सुंदर संगमरमर के पत्थरों से बने सुंदर तोरण द्वार है. यहां दोनों तरफ हाथियों की प्रतिमा है. यहां दीवारों व छतों पर सुंदर भित्ति चित्र बने हैं, जो कि मंदिर की भव्यता को दर्शाते हैं. यह मंदिर वैष्णव संप्रदाय की मान्यता रखता है.

मंदिर राजपूत स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण
जगत शिरोमणि मंदिर का निर्माण महाराजा मानसिंह प्रथम की पत्नी महारानी कनकवती ने अपने पुत्र जगतसिंह की याद में करवाया था. मंदिर का निर्माण कार्य 1599 ई. में शुरु हुआ था और 1608 ई. में मंदिर बनकर तैयार हो गया था. महारानी की इच्छा थी कि उनके पुत्र को इस मंदिर के द्वारा सदियों तक याद किया जाए इसलिए इस मंदिर का निर्माण जगत शिरोमणि रखा गया. मंदिर की स्थापत्य कला में हिन्दु ,मुसलिम ,जैन और दक्षिण भारतीय शैली में बना यह मंदिर राजपूत स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है.

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मीराबाई की कृष्णभक्ति
मीराबाई का विवाह चित्तौड़ के राजा राणा सांगा के पुत्र राजकुमार भोजराज के साथ हुआ था. विवाह के बाद मीराबाई रानी बनी लेकिन सन 1521 में उनकी मृत्यु हो गयी. ऐसा कहा जाता है कि उस समय की प्रचलित प्रथा के अनुसार पति की मृत्यु के बाद मीरा को उनके पति के साथ सती करने का प्रयास किया गया, किन्तु वे इसके लिए तैयार नही हुईं और धीरे-धीरे वे संसार से विरक्त हो गयीं और साधु-संतों की संगति में कीर्तन करते हुए अपना समय व्यतीत करने लगीं. रोज अपना पूरा समय कृष्ण की भक्ति को देती थी. उस समय मीरा का विरोध भी हुआ लेकिन उन्होंने कृष्ण की भक्ति नहीं छोड़ी. मीराबाई की कृष्णभक्ति और इस प्रकार से नाचना और गाना उनके पति के परिवार को अच्छा नहीं लगा. जिसके वजह से कई बार उन्हें विष देकर मारने की कोशिश की गई. मीरा की कृष्ण भक्ति के चर्चे दूर-दूर तक थे.

जन्माष्टमी को लेकर जगत शिरोमणि मंदिर में तैयारियां जोरों पर
कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर जगत शिरोमणि मंदिर में तैयारियां जोरों पर है मंदिर में कृष्ण और मीरा की भव्य झांकी सजाई जाती है इसको लेकर तैयारियां की जा रही है। साथ ही घूमने आने वाले पर्यटक भी इस अद्भुत दृश्य को देखकर मोहित हो रहे हैं.

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बॉलीवुड फिल्म धड़क और भूलभुलैया में भी नजर आ चुका है यह मंदिर
यह मंदिर बॉलीवुड फिल्म धड़क और भूलभुलैया में भी नजर आ चुका है. हर वर्ष इस मंदिर में धूमधाम से जन्माष्टमी मनाई जाती है. कोविड प्रोटोकॉल की वजह से अभी भव्य आयोजन नहीं हो पा रहा है. जगत शिरोमणि का मंदिर बॉलीवुड की फिल्मों की शूटिंग के लिए भी खासी पहचान रखता है. अक्षय कुमार अभिनीति ''भूल भुलैया'' और जाह्नवनी कपूर अभिनीत ''धड़क'' फिल्म की शूटिंग भी इसी मंदिर में फिल्माई गई थी.

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