ट्रांसफर के लिए CM गहलोत के पास आती है पूर्व CM, जज, मंत्रियों की सिफारिशे, दिया ये जवाब
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ट्रांसफर के लिए CM गहलोत के पास आती है पूर्व CM, जज, मंत्रियों की सिफारिशे, दिया ये जवाब

Ashok Gehlot on Transfer : ट्रांसफर पर सीएम का तंज-पूर्व सीएम,जज,मंत्रियों तक की सिफारिशे,सभी एसएमएस में लगना चाहते है. मंत्री परसादीलाल ने दो टूक शब्दों में दिया जवाब.

ट्रांसफर के लिए CM गहलोत के पास आती है पूर्व CM, जज, मंत्रियों की सिफारिशे, दिया ये जवाब

Ashok Gehlot on Transfer : आज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने ट्रांसफर को लेकर डॉक्टर्स को खरी—खरी सुनाई.मौका था 1763 नए डॉक्टर्स के शपथ ग्रहण समारोह का. इस दौरान मंत्री परसादीलाल ने दो टूक शब्दों में कह दिया कि मैं मंत्री रहूं या ना रहूं,नियुक्तियां तो पारदर्शी ​तरीके से होगी.

सीएम ने ली ट्रांसफर पर डॉक्टर्स की क्लास

1763 डॉक्टर्स भगवान के रूप में राजस्थान को मिले है.आज नव नियुक्त डॉक्टर्स का शपथ ग्रहण समारोह था.इस मौके पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने डॉक्टर्स की जमकर क्लास लगाई.सीएम ने कहा कि डॉक्टर्स की ट्रांसफर को लेकर इतनी सिफारिशे आती है,सभी एसएमएस अस्पताल में लगना चाहते है.कभी जज के फोन आते है.कभी पूर्व सीएम,मंत्रियों के.सभी एसएमएस में लग जाएंगे तो पीएचसी में काम कौन करेगा?इस मौके पर सीएम गहलोत ने चिकित्सा विभाग के राज हेल्थ पोर्टल का भी लोकार्पण किया.

राजनीतिक रूप से ट्रांसफर नहीं होगा

इतना ही नहीं इससे पहले चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने भी डॉक्टर्स को हिदायत देते हुए कहा कि नव नियुक्त डॉक्टर्स 2 साल तक कोई सिफारिश ना लाए.बार बार ट्रांसफर करवाने से काम मे गति नही मिलती.

उन्होंने केवल नए डॉक्टर्स ही नहीं,बल्कि दूसरे डॉक्टर्स की भी क्लास ली.परसादी लाल ने कहा कि आप चुपचाप डेपुटेशन ना करवाए,नही तो कार्रवाई होगी.मैं चिकित्सा मंत्री रहूं या नहीं रहूं,नियुक्तियां नियमों के तहत ही होगी.चिकित्सक जितना ज्यादा एक जगह काम करेंगे,आपकी प्रतिष्ठा भी उतनी बढ़ेगी.राजनीतिक रूप से आपका कोई ट्रांसफर नहीं होगा.नई नियुक्तियां पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हुई है.इसमें चिकित्सा मंत्री की भी कोई सिफारिया नहीं है.

7 दिन में खत्म हो सकती थी डॉक्टस की स्ट्राइक-

हाल ही में राइट टू हेल्थ बिल के विरोध में हुई.डॉक्टर्स की स्ट्राइक पर सीएम ने दो टूक में कहा कि एक गलत फहमी से ​कितना नुकसान हुआ है.उस समय राइट टू एजुकेशन लमें यदि ऐसा होता तो हमारा क्या होता.कैसे शिक्षा का अधिकार मिलता?आरटीएच को लेकर अनावश्यक बाते हुई.पूरे देश में राजस्थान की बदमानी हुई.डॉक्टर्स को भगवान कहा जाता है,लेकिन भगवान ऐसे कैसे रूठ सकते है.डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी के साथ काली पट्टी बांधकर स्ट्राइक करते तो 17 दिन नहीं,7 दिन में बात बन जाती,क्योकि संवाद दोनो जगह से होता.सीएम गहलोत ने डॉक्टर के नेता के कार्यक्रम में होने का भी जिक्र किया.

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