कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच को सबने मिलकर पूरा किया. 29 अगस्त से 20 अक्टूबर तक इन खेलों का आयोजन चार चरणों में हुआ.
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Jaipur: खेल दिवस पर 29 अगस्त से शुरू हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आज समापन हुआ. 29 अगस्त से 20 अक्टूबर तक चार चरणों में आयोजित हुए राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के चौथे और अंतिम चरण राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं का आयोजन 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर तक जयपुर के एसएमएस स्टेडियम पर हुआ. जयपुर के एसएमएस स्टेडियम के इंडोर हॉल में आज समापन समारोह आयोजित किया गया.जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मौजूद रहे.
वहीं मंत्री अशोक चांदना, मंत्री, महेश जोशी, मंत्री टीकाराम जूली, राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया,उपाध्यक्ष सतवीर चौधरी, मुख्य खेल अधिकारी वीरेन्द्र पूनिया,कांग्रेस नेता धर्मेन्द्र राठौड़,विधायक महादेव सिंह खंडेला सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे. एसएमएस स्टेडियम के इंडोर हॉल में आयोजित समापन समारोह के दौरान बॉलीबाल का एक मैत्री मैच का आयोजन भी किया गया. जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बाल फेंक कर किया. इस दौरान खेल मंत्री अशोक चांदना भी बॉलबाल का मैच भी खेलते हुए नजर आए. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ऑफिशियल्स की कुर्सी पर बैठे नजर आए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजस्थान राज्य क्रीड़ा परिषद अध्यक्ष डॉ. कृष्णा पूनिया ने कहा, " मुख्यमंत्री की सोच को सबने मिलकर पूरा किया. 29 अगस्त से 20 अक्टूबर तक इन खेलों का आयोजन चार चरणों में हुआ. जिंदगी एक खेल है. आप खिलाड़ी बनना चाहते हैं या खिलौना ये आपको तय करना है. ग्रामीण ओलंपिक खेलों की मशाल यात्रा पूरे राजस्थान में गई. पूरा राजस्थान ग्रामीण ओलंपिक को हमेशा याद रखेगा. इन खेलों में 2 लाख 68 हजार से ज्यादा टीमों ने हिस्सा लिया. जिसमें करीब 30 लाख से ज्यादा खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. चार सफल चरणों मे इन खेलों का आयोजन किया गया. इन खेलों के चलते मोबाइल और TV से दूर हुए बच्चों ने पहली बार अपने जिला स्टेडियम को देखा. गहलोत सरकार ने खिलाड़ियों के हक के फैसले लिए. आउट ऑफ टर्न नोकरी, खिलाड़ियों की पुरस्कार राशि बढ़ाने के साथ ही कई फैसले लिए और अब खेलों को बढ़ाने के लिए ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन किया. आगामी दिनों में अब शहरी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा और उसके बाद अगली साल फिर से ग्रामीण ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा."
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए खेल मंत्री अशोक चांदना ने कहा, " इस शानदार आयोजन के लिए इससे जुड़े सभी लोगों का आभार. इन खेलों को सफल बनाने में सबसे बड़ी भूमिका निभाई स्कूलों के PTI और प्रिंसिपल ने. खेल विभाग के इस आयोजन के लिए पंचायत राज विभाग का भी आभार. कई स्थानों पर खेलने की सुविधा नहीं थी,लेकिन समय पर सभी तैयारी पूरी की. इन खेलों से जुड़े हर व्यक्ति ने इन खेलों को खुद की जिम्मेदारी समझते हुए निभाई. जहां झगड़ा ना हो वहां खेल ही कैसा, कई जगह छोटे छोटे विवाद हुए लेकिन पुलिस विभाग ने इन झगड़ों को बढ़ने से पहले ही निपटाया. हमेशा जीतने वाले घोड़े पर ही दाव लगाया जाता है. हारते हुए घोड़े पर कोई दाव नहीं लगाता है लेकिन खेल विभाग की जिम्मेदारी मुझे दी और 4 साल में मैंने इस जिम्मेदारी को निभाने की पूरी कोशिश की. हमने पहले 3 खेलों के लिए करीब 10 खिलाड़ियों के खेलने की योजना तैयारी की लेकिन मुख्यमंत्री ने खेलों की संख्या 6 करते हुए 40 करोड़ रुपए का बजट भी दिया. जैसे पिछले 4 साल में आपने इन खिलाड़ियों का ध्यान रखा है. मुझे उम्मीद है कि आगामी चुनाव में ये सभी लोग आपको दिल खोलकर साथ देंगे. सच्चे दिल की दुआ भगवान का आशीर्वाद होता है."
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा," आज का दिन ऐतिहासिक है, खेल दिवस पर 29 अगस्त को खेलों का आगाज हुआ, 1 महीने 20 दिन में ही इतिहास बन गया. पहली बार में ही 30 लाख लोगों ने हिस्सा लिया, 10 लाख से ज्यादा महिलाओं ने इनमें हिस्सा लिया, सबने इन खेलों को सफल बनाने में सहयोग दिया उन तमाम लोगों का आभार. ये आयोजन कई मायनों में महत्वपूर्ण है, कई बड़ी प्रतियोगिता में हम पीछे क्यों है,,,इन खेलों से राजस्थान में खेलों का माहौल बनेगा. राजस्थान का व्यक्ति शारिरिक और मानसिक मजबूत है,राजस्थान के खिलाड़ियों में आगे बढ़ने का काफी दमखम है. बस इनको आगे बढ़ाने की आवश्यकता है. प्रकृति प्रहार करती है तो कुछ दे भी जाती है. निरोगी राजस्थान की जो कल्पना थी वो कोरोना के चलते कमजोर पड़ गई थी, लेकिन हमने हमारे काम को रुकने नहीं दिया. खेलों ने सबको भाईचारे से रहना सिखाया है.''
सीएम ने कहा कि देश मे आज अराजकता का माहौल है. लोकतंत्र में आलोचना बहुत आवश्यक है. ये तो एक आभूषण जैसे होता है. जब तक निंदा नहीं होगी तब तक बेहतर कैसे होगा. जो टीमों ने जीत हासिल की है उन्होंने आने जिले और गांव का नाम रोशन किया. मुझे दुख है कि इन खेलों में मेरा जिला जोधपुर पीछे रह गया है लेकिन सभी जिले नहीं जीते हैं, इसलिए अब उनको और मेहनत करनी चाहिए, हनुमानगढ़ ने सबसे ज्यादा 7 मेडल जीते हैं. सभी 33 जिलों में इन खेलों से टेलेंट हंट का काम किया गया है. जिस जिले में टेलेंट होगा उसको आगे बढ़ाने का काम हम करेंगे. राजस्थान के गांव गांव में प्रतिभा है, बस उनको खोजने का काम होना चाहिए. इस बार का बजट युवाओं और खिलाड़ियों के लिए होगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निवेदन किया है कि हमारी सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं को पूरे देश में लागू किया जाए. हिमाचल के मुख्यमंत्री ने OPS को लेकर झूठा बयान दिया है कि राजस्थान में OPS लागू नहीं हुआ है. उनको राजस्थान के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है कि यहां क्या क्या बड़े काम हो गए हैं."
राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेलों के विधिवत समापन की घोषणा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंच से की. इस दौरान वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट भी सौंपा गया. जब खेलों की शुरूआत हुई थी उस समय प्रोविजनल सर्टिफिकेट सौंपा गया था लेकिन आज समापन पर वर्ल्ड रिकॉर्ड का सर्टिफिकेट सौंपा गया.
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