Rajasthani Couple Marriage In Ayodhya: जोड़े ने 33 साल पहले संकल्प लिया था कि जब तक राम अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता और रामलला विराजमान नहीं हो जाते, तब तक वह शादी नहीं करेंगे. रामलला की प्रतिष्ठा के बाद आखिरकार इस जोड़े का सपना पूरा हो गया. बता दें कि रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद इस राजस्थानी जोड़े ने अयोध्या के ही कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ विधि के साथ फेरे लेकर, पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की.
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Rajasthani Couple Marriage In Ayodhya: 22 जनवरी 2024 को जैसे ही राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हुई, उसके बाद न जाने कितने ही करोड़ों भारतीयों का सपना साकार हो गया. 500 साल के लंबे इंतजार के बाद राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के चलते कई लोगों के अधूरे संकल्प पूरे हुए. लाखों लोगों की आंखों में इस खुशी के मौके पर आंसू छलक आए. कई लोगों का तो यह भी कहना था कि उनका यह जन्म धन्य हो गया क्योंकि उन्होंने श्री रामलला मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का ऐतिहासिक नजारा देखा. तमाम लोगों के संकल्पों के बीच राजस्थान के जोड़े का भी संकल्प 33 साल बाद पूरा हुआ.
जानकारी के मुताबिक, इस जोड़े ने 33 साल पहले संकल्प लिया था कि जब तक राम अयोध्या में राम मंदिर नहीं बन जाता और रामलला विराजमान नहीं हो जाते, तब तक वह शादी नहीं करेंगे. रामलला की प्रतिष्ठा के बाद आखिरकार इस जोड़े का सपना पूरा हो गया. बता दें कि रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के बाद इस राजस्थानी जोड़े ने अयोध्या के ही कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ विधि के साथ फेरे लेकर, पवित्र अग्नि को साक्षी मानकर अपनी नई जिंदगी की शुरुआत की. खास बात तो यह रही कि राजस्थान के जोड़े ने वरमाला के लिए उन्हें फूलों को चुना, जिनका प्रभु श्री राम के श्रृंगार के लिए मंदिर में इस्तेमाल किया गया था.
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जानकारी के अनुसार, राजस्थान के जयपुर निवासी डॉक्टर महेंद्र भारती साल 1990 में ही विवाह के योग्य थे. उसी समय कार सेवकों पर गोली चलने की घटना सामने आई. इस घटना से वह इतने ज्यादा व्यथित हुए थे कि उन्होंने अपनी शादी रोक दी और संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में प्रभु श्री राम का मंदिर नहीं बन जाता तब तक वह शादी नहीं करेंगे और कोई भी माला नहीं पहनेंगे. वहीं अब जब प्रभु श्री राम का भव्य मंदिर बन चुका है. रामलला अपने स्थान पर विराजमान हो चुके हैं, इसके बाद डॉक्टर महेंद्र भारती ने अजमेर निवासी डॉक्टर शालिनी गौतम से अयोध्या में विवाह किया. उनकी 33 साल की प्रतिज्ञा पूरी हुई. इस जोड़े की शादी पुरोहित बंधु तिवारी ने करवाई.
बता दें कि डॉ. महेंद्र भारती 20 साल से अधिक समय से आरएसएस यानि की राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रह चुके हैं. वहीं, उनकी पार्टनर शालिनी गौतम महाविद्यालय में बच्चों को पढ़ाती हैं. दोनों का ही कहना है कि उनकी शादी के लिए इससे बेहतर समय कोई और नहीं हो सकता. महेंद्र की मानें तो राम मंदिर बनने को वह सनातन संस्कृति की पुनर्स्थापना का दौर है. उनका कहना है कि यह बेहद ही खास समय है.
शादी के बाद डॉक्टर महेंद्र भारती ने कहा कि मैं बेहद ही खुश हूं कि यह पल सौभाग्य बनकर मेरी जिंदगी में आया है. उनका कहना है कि 1990 में उन्होंने संकल्प लिया था कि राम जन्मभूमि अयोध्या में श्री राम का भव्य मंदिर बनने के बाद ही वह दर्शन करके शादी करेंगी. आखिरकार उनकी मनोकामना पूरी हुई और एक इतिहास रच गया.